भारत मंडपम में आयोजित 'एनएक्सटी' सम्मेलन में बोलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी I

दुनियाभर के लोग भारत को जानना चाहते हैं : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित ‘एनएक्सटी’ सम्मेलन 2025 में भाग लिया। अपने संबोधन में उन्होंने भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा और सकारात्मक बदलावों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज भारत एक ऐसा देश है, जहां हर दिन सकारात्मक खबरें बन रही हैं और नए रिकॉर्ड स्थापित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि दुनियाभर के लोग भारत आना चाहते हैं और इसे गहराई से जानना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित महाकुंभ का उल्लेख किया, जिसमें करोड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि दुनिया इस बात से हैरान है कि कैसे करोड़ों लोग एक नदी तट पर बसे अस्थायी स्थान पर पवित्र स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं। यह आयोजन भारत की संगठन क्षमता और नवाचार कौशल का प्रतीक है, जो वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि ‘एनएक्सटी’ सम्मेलन नीतियों पर केंद्रित है, जो आने वाले कल के लिए समर्पित है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कुछ महीने पहले भारत ने दुनिया के सबसे बड़े चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न किए हैं, जिसमें 60 साल बाद किसी सरकार ने लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी की है। यह जन-विश्वास पिछले 11 वर्षों में भारत की अनेक उपलब्धियों का परिणाम है।

उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि आपका नया चैनल भारत की वास्तविक कहांनियां दुनिया तक पहुंचाएगा। बिना कोई रंग दिए आपका ग्लोबल चैनल, भारत की वैसी ही तस्वीर दिखाएगा, जैसा वो है। हमें मेकअप की जरूरत नहीं है।’ उन्होंने कहा कि कई साल पहले मैंने वोकल फॉर लोकल और लोकल फॉर ग्लोबल का विजन देश के सामने रखा था।

आज हम इस विजन को सच्चाई में बदलते हुए देख रहे हैं। आज हमारे आयुष प्रॉडक्ट्स और योग स्थानीय से वैश्विक हो गए हैं। आज भारत के सुपरफूड, हमारा मखाना, स्थानीय से वैश्विक हो रहा है। भारत के मिलेट्स-श्रीअन्न भी, स्थानीय से वैश्विक हो रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत, दुनिया का सातवां सबसे बड़ा कॉफी एक्सपोर्टर बन गया है। दशकों तक, दुनिया भारत को अपना बैक ऑफिस कहती थी, लेकिन आज, भारत न्यू फैक्ट्री ऑफ द वर्ल्ड बन रहा है।

हम सिर्फ वर्कफोर्स नहीं, वर्ल्ड-फोर्स हैं। आज भारत बहुत बड़े टारगेट्स रख पा रहा है, उनको अचीव कर रहा है… तो इसके मूल में एक खास मंत्र है। ये मंत्र है- मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेस। ये कुशल और प्रभावी शासन का मंत्र है। बीते एक दशक में हमने करीब 1,500 ऐसे कानूनों को खत्म किया है, जो अपना महत्व खो चुके थे। इनमें से बहुत सारे कानून अंग्रेजी शासन के दौरान बने थे।

उन्होंने कहा कि मुझे उस समय की सरकार और नेताओं से कुछ कहना नहीं है, लेकिन मुझे ज्यादा तो ये लुटियन जमात पर आश्चर्य हो रहा है, ये खान मार्केट गैंग पर आश्चर्य हो रहा है। ये लोग 75 साल तक ऐसे कानून पर चुप क्यों थे। ये हमारी सरकार है जिसने गुलामी के कालखंड के कानून को खत्म किया।