ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के चिकित्सकों ने छाती में ट्यूमर की समस्या से जूझ रहे एक मरीज को बिना बेहोश किए उसकी सफल अवेक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी करने में विशेष सफलता प्राप्त की है। चिकित्सा क्षेत्र में उत्तर भारत का यह पहला मामला है, जिसमें मरीज को बिना बेहोश किए यह बेहद जटिल सर्जरी की गई। इस मरीज का उपचार आयुष्मान भारत योजना के तहत किया गया। इलाज के बाद मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
उत्तरकाशी जनपद स्थित चिन्यालीसौड़ निवासी 30 एक वर्षीय युवक पिछले लंबे अरसे से छाती में भारीपन और असहनीय दर्द की समस्या से जूझ रहा था। लगभग 3 महीने पहले परीक्षण कराने पर पता चला कि उसकी छाती में हृदय के ऊपर एक ट्यूमर बन चुका है। इलाज के लिए वह पहले राज्य के विभिन्न अस्पतालों में गया, लेकिन मामला जटिल होने के कारण अधिकांश अस्पतालों ने उसका इलाज करने में असमर्थता जाहिर कर दी।
इसके बाद अपने उपचार के लिए मरीज एम्स ऋषिकेश पहुंचा। यहां विभिन्न जांचों के बाद एम्स के कार्डियो थोरेसिक व वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ. अंशुमन दरबारी ने पाया कि मरीज की छाती के भीतर व हार्ट के ऊपर थाइमिक ग्रंथी में संभवत: एक थायमोमा में एक ट्यूमर बन चुका है और उसका आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
इस बाबत डॉ. दरबारी ने बताया कि यदि मरीज का समय रहते इलाज नहीं किया जाता तो हार्ट के ऊपर बना ट्यूमर बाद में कैंसर का गंभीर रूप ले सकता था। उन्होंने बताया कि आसपास के महत्वपूर्ण अंगों के कारण छाती के भीतर ट्यूमर में सामान्यत: बायोप्सी करना संभव नहीं होता है इसलिए मरीज की बीमारी के निराकरण के लिए रोगी की सहमति के बाद उसकी ’अवेक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी’ करने का निर्णय लिया गया। अत्याधुनिक तकनीक की बेहद जोखिम वाली इस सर्जरी में मरीज की छाती की हड्डी को काटकर मरीज को बिना बेहोश किए उसके हार्ट के ऊपर बना 10 × 7 सेंटीमीटर आकार का ट्यूमर पूर्णरूप से निकाल दिया गया।
उन्होंने बताया कि इस सर्जरी में लगभग 2 घंटे का समय लगा और 4 दिन तक मरीज को अस्पताल में रखने के बाद अब उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। एम्स निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले चिकित्सकों के कार्य की सराहना की है। उन्होंने बताया कि मरीजों के बेहतर उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम 24 घंटे तत्परता से कार्य कर रही है।