लखनऊ। पहली बार गर्भवती होने वाली और धात्री महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और सही पोषण के लिए शुरू की गयी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ कोरोना काल और लॉकडाउन के दौरान भी मिलता रहा । जनवरी 2017 में पूरे देश में शुरू की गयी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली व धात्री महिला को तीन किश्तों में 5000 रूपये प्रदान किये जाते हैं । योजना के तहत इस माह तक सूबे की करीब 43.50 लाख महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लाकडाउन के बाद भी मध्य जुलाई तक करीब 93.34 फीसद लक्ष्य पूरा करते हुए करीब 40.60 लाख को योजना से लाभान्वित किया जा चुका है। इस माह मध्य जुलाई तक करीब 25 हजार महिलाओं का योजना के तहत रजिस्ट्रेशन किया गया है।
योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को दी जाति है आर्थिक मदद
योजना के राज्य नोडल अधिकारी राजेश बांगिया का कहना है कि विभाग का पूरा प्रयास है कि निर्धारित लक्ष्य को पूरा करते हुए गर्भवती व धात्री महिलाओं के बैंक खाते में राशि का अंतरण कर दिया जाए । यही कारण है कि कोरोना काल में जहाँ बहुत सी योजनाएं प्रभावित हुईं थीं वहीँ इस योजना के तहत महिलाओं का बराबर पंजीकरण हो रहा था और उनके खाते में बराबर धनराशि भी पहुँच रही थी। श्री बांगिया का कहना है कि इस कार्य में प्रदेश के लगभग सभी जिलों ने पूरी दिलचस्पी दिखाई, जिससे यह कार्य संभव हो पाया । आशा कार्यकर्ताओं की भी इसमें अहम् भूमिका रही, समुदाय तक योजना के प्रचार-प्रसार और लाभार्थी को चिन्हित कर योजना के तहत पंजीकरण कराने में उन्होंने भरपूर प्रयास किया। इस तरह सभी के सम्मिलित प्रयास से वह इस लक्ष्य को भी पूरा कर लेंगे। उनका कहना है कि वर्ष 2017 से 2021 के मध्य जुलाई (15 जुलाई तक) तक प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत करीब 1.07 करोड़ रजिस्ट्रेशन किये जा चुके हैं ।
तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रूपये :
पहली बार गर्भवती होने पर योजना के तहत पंजीकरण के लिए गर्भवती और उसके पति का कोई पहचान पत्र या आधार कार्ड, मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, बैंक पासबुक की फोटोकापी जरूरी है। बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिए, निजी अकाउंट ही मान्य होगा । पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने और गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर धात्री महिला को तीसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं।
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इस योजना का लाभ पाने के लिए अब घर बैठे ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। इसके तहत pmmvy-cas.nic.in पर लॉगिन करेंगे तो मोबाइल पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आएगा, साइट पर ओटीपी डालकर संबंधित फॉर्म भरकर आवेदन किया जा सकता है। ऑफ़लाइन की व्यवस्था पहले की ही तरह चल रही है। इसके अलावा राज्य स्तर से हेल्पलाइन नंबर 7998799804 भी जारी किया गया है। इस नंबर पर लाभार्थी कॉल करके योजना के आवेदन संबंधी तथा भुगतान में आ रही समस्या का निराकरण प्राप्त कर सकते हैं ।