ओवैसी के विवादित बयान ने अयोध्या में मचाया हंगामा, संत समाज ने कर दी बड़ी मांग

अयोध्या में बन रही मस्जिद को लेकर AIMIM मुखिया असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दिए गए विवादित बयान ने सूबे के माहौल में एक बार फिर गर्मी बढ़ा दी है। दरअसल, ओवैसी के विवादित बयान के खिलाफ मुस्लिम समाज ने तो रोष व्यक्त किया ही है, साथ ही साधू-संतों का भी गुस्सा फूट पड़ा है। ओवैसी ने गुरूवार को दक्षिण राज्य कर्नाटक के बीदर इलाके में ‘सेव कॉन्स्टिटूशन सेव इंडिया के कार्यक्रम’ में यह बयान दिया था।

ओवैसी के बयान पर मिली प्रतिक्रियाएं

एक न्यूज रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, ओवैसी के बयान पर अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए साधू-संतों ने कहा है कि ऐसे भड़काऊ बयान देकर ओवैसी हमेशा लोगों को लड़ाने की राजनीति करते रहते हैं। लिहाजा उनकी बात पर ध्यान ना दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने ओवैसी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

वहीं, तपस्वी छावनी के संत परमहंस ने कहा कि एक सांसद होकर के इस तरह के गैर जिम्मेदाराना और असंवैधानिक भाषण देना निश्चित रूप से देशद्रोह की श्रेणी में है। उन्होंने कहा कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है और सर्वोच्च न्यायालय के जजमेंट पर धन्नीपुर में जो निर्माण हो रहा है उसको लेकर अगर यह प्रश्न खड़ा किया जा रहा है तो यह न्यायपालिका पर प्रश्न चिन्ह है। न्यायपालिका पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करने का किसी को अधिकार नहीं है।

उधर ओवैसी के बयान पर मुस्लिम समाज ने भी रोष व्यक्त किया है। बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि धन्नीपुर में जो 5 एकड़ जमीन मिली है, उसमें स्कूल बन रहा है, मस्जिद बन रही है, हॉस्पिटल बन रहा है। सवाल ओवैसी का है। उन्होंने फतवा जारी किया है कि कोई उसमें नमाज ना पढ़े, चंदा ना दें। कौम को चाहिए कि उनकी बात पर बिल्कुल ध्यान ना दें। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है, वह काम हो रहा है उसको होने दें, अब सारे विवाद खत्म हो चुके हैं।

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आपको बता दें कि गुरूवार को दक्षिण राज्य कर्नाटक के बीदर इलाके में ‘सेव कॉन्स्टिटूशन सेव इंडिया के कार्यक्रम’ को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि अयोध्या  के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है। इसलिए उसे मस्जिद नहीं कहा जा सकता। इतना नहीं नहीं ओवैसी ने यह भी कहा कि मस्जिद के निर्माण के लिए डोनेशन देना और वहां नमाज पढ़ना दोनों ही ‘हराम’ हैं।

ओवैसी ने आगे कहा कि मुनाफ़िक़ों की जमात जो बाबरी मस्जिद के बदले पांच एकड़ ज़मीन पर मस्जिद बनवा रहे हैं, वो मस्जिद नहीं बल्कि ‘मस्जिद-ए-ज़ीरार’ है। अयोध्या की मस्जिद को चंदा देना हराम है। कोई वहां चंदा न दें। अगर चंदा देना है तो बीदर में किसी अनाथ को चंदा दे दें।