यूपी चुनाव: राजभर के बयान पर भड़क उठी ओवैसी की AIMIM, दे डाली बड़ी धमकी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सियासत बड़ी करवट लेते नजर आ रहा है। दरअसल, अभी तक सूबे की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ आक्रामक नजर आ रहे सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बीते दिन बड़ा बयान जारी कर असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम को तगड़ा झटका दिया है। दरअसल, ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाने की इच्छा जाहिर की है। उनकी इस इच्छा पर एआईएमआईएम ने कड़ी आपत्ति जताई है।

राजभर ने बीजेपी के सामने रखी ये शर्तें

मिली जानकारी के अनुसार, बीते दिन ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी के सामने शर्ते भी रखी हैं। हालांकि, राजभर की यह इच्छा उनके दल के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने वाली एआईएमआईएम को बिल्कुल भी रास नहीं आई है। एआईएमआईएम ने सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ऐसा हुआ तो वह गठबंधन से अलग हो जाएगी। 

एआईएमआईएम के प्रव्कता सैयद असीम वकार ने कहा कि उनकी पार्टी कभी भी भाजपा में शामिल नहीं हो सकती है। हम तब तक हार नहीं मानेंगे जब तक भाजपा हार नहीं जाती है। मजलिस-ए-इत्तेहादुल मस्लिमीन की तरफ से मैं आवाम को ये यकीन दिलाना चाहता हूं कि अगर भारतीय जनता पार्टी उलटी भी खड़ी हो जाए, हम तब भी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। जो लोग अपनी जाति और धर्म के लोगों के साथ सौदा करना चाहते हैं और खुद को आगे बढ़ाना चाहते हैं,  वह भाजपा के साथ जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी और हमारी पार्टी मुसलमानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम उनकी आवाज को तेज कर रहे हैं, हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ है। हम भाजपा में शामिल होने की कभी सोच भी नहीं सकते हैं और न कभी बीजेपी के साथ गठबंधन करेंगे। हम उन्हें हराने आए हैं और उन्हे हराकर रहेंगे।

यह भी पढ़ें: विकराल आग की लपटों ने किसान आंदोलन में मचाई भगदड़, जलकर राख हो गया सारा सामान

आपको बता दें की ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी में शामिल होने के लिए बीजेपी के सामने कई शर्ते रखी हैं। उन्होंने सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने, स्नातकोत्तर तक एक समान फ्री शिक्षा, घरेलू बिजली बिल माफी, जातिवार जनगणना, पुलिस में बॉर्डर सीमा समाप्त, पुलिस में 8 घंटे ड्यूटी, साप्ताहिक छुट्टी, होमगार्ड, पीआरडी जवानों को पुलिस समान सुविधा लागू करने जैसी मांगे रखी हैं।