भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा में भाग लेते हुए एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन विधेयक का मुद्दा उठाया। ओवैसे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वक्फ संपत्तियों के बारे में गलत जानकारी है। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी को सलाह दी कि उन्हें अनुच्छेद 26 के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए।
ओवैसी ने पीएम मोदी पर लगाए आरोप
ओवैसी ने कहा कि अनुच्छेद 26 पढ़ें, यह धार्मिक संप्रदाय को धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्था स्थापित करने और बनाए रखने का अधिकार देता है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि वक्फ का संविधान से कोई लेना-देना नहीं है। प्रधानमंत्री को कौन पढ़ा रहा है? उन्हें अनुच्छेद 26 पढ़वाएं। इसका लक्ष्य वक्फ संपत्तियों को छीनना है। आप अपनी ताकत के आधार पर इसे छीनना चाहते हैं।
गौरक्षकों को दिए गए पुलिस जैसे अधिकार
ओवैसी ने कहा कि अनुच्छेद 25 की बातें प्रोफेसनल हैं। आज मेरी बेटियों को सरकारी संस्थानों में हिजाब पहनने से रोका जा रहा है। तो प्रोफेसनल व्यवहार कितना सफल रहा है? हरियाणा और राजस्थान में गौरक्षकों को पुलिस जैसे अधिकार दिए गए। उन अधिकारों का दुरुपयोग मॉब लिंचिंग के लिए किया गया।
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उन्होंने आगे कहा कि बंगाल के साबिर मलिक को पीट-पीटकर मार डाला गया। हालांकि, बाद में पता चला कि उसने गोमांस नहीं खाया था। जुनैद और नासिर को जिंदा जला दिया गया। उन्होंने कहा कि आज मुझसे पूछा जा रहा है कि क्या 500 साल पहले कोई मस्जिद थी। अगर मैं इस संसद को खोदूं और कुछ मिल जाए, तो क्या यह मेरा हो जाएगा?