उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा धर्मनिरपेक्षता को ओलेकर दिया गया बयान AIMIM मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को बिल्कुल भी रास नहीं आई है। ओवैसी ने सीएम योगी के इस बयान को बेहद वायियात करार दिया है। उनका कहना है कि सीएम योगी ने यह बयान देकर मुख्यमंत्री पद की तौहीन की है। इसके साथ ही उन्होंने धर्मनिरपेक्षता को लेकर भारतीय संविधान का भी जिक्र किया।
ओवैसी ने सीएम योगी पर साधा निशाना
एक न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, ओवैसी ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 14, 19, 22, 25 में धर्मनिरपेक्षता दर्शाया गया है। भारत सेक्युलर है क्योंकि हमारे फाउंडिंग फादर ने ऐसा चाहा। अगर भारत की इज्जत नहीं हो रही है तो फिर पीएम मोदी से मुख्यमंत्री को शिकायत करनी चाहिए। चीन हमारी जमीन पर है। पेट्रोल-डीजल की कीमत आसमान छू रही है। किसान आंदोलन कर रहा है, देश में बेरोजगारी है तो क्या ये सब धर्मनिरपेक्षता की वजह से है?
ओवैसी ने पूछा कि लिबर्टी का मतलब क्या होता है? वो संविधान की तौहीन कर रहे हैं। डबल चेहरा है इनका। साढ़े छह सालों से आपकी सरकार है, इसके बावजूद अगर इज्जत नहीं मिल रही है तो इसका मतलब है सरकार फेल है। धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कोई भूमिपूजन कर रहे हैं। आप जिस पद पर बैठे हैं उसका कोई मजहब नहीं है।
ओवैसी ने कहा कि किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री वाहियात बातें कर रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी चुप है। संघ परिवार का असली चेहरा अब सामने आ रहा है। दिशा रवि केस में कोर्ट के जजमेंट मंत्रालय को पढ़ने चाहिए और अपना कोर्स करेक्शन करना चाहिए।
आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा था कि ‘अपने स्वयं के लाभ के लिए लोगों को गुमराह करने और देश को धोखा देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जो लोग कुछ पैसे के लिए भारत के बारे में झूठी बातें फैला रहे हैं उन्हेंल कार्रवाई का सामना करना होगा।
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सीएम योगी ने भारत की धर्मनिरपेक्षता को लेकर लोगों से अपील की कि वे छोटे सांप्रदायिक विवादों में शामिल होकर देश की मैत्रीपूर्ण भावना को न खोएं। कार्यक्रम के दौरान उन्होंाने कहा कि भगवान श्रीराम की संस्कृति पहली संस्कृति है, जिसने वैश्विक मंच पर अपना स्थान बनाया। इसके हजारों वर्ष बाद भगवान बुद्ध की संस्कृति वैश्विक मंच पर स्थापित हुई।