पेरिस । खूबसूरत सीन नदी पर नावों में परेड करते खिलाड़ियों की मनोहारी छवियों के बीच परंपरा से हटकर हुए 33वें ओलंपिक खेलों के रंगारंग उद्घाटन समारोह में शुक्रवार को फ्रांस ने अपनी सांस्कृतिक विविधता, क्रांति के इतिहास, वास्तुकला की शानदार विरासत की बानगी दुनिया के सामने पेश की।
आम तौर पर स्टेडियम में होने वाली देशों की परेड की परंपरा से अलग यहां छह किलोमीटर की परेड आस्टरलिज ब्रिज से शुरू हुई जिसमें 85 नावों में 205 देशों के 6800 से अधिक खिलाड़ी सवार थे और एक शरणार्थी ओलंपिक टीम भी थी। भारी संख्या में खिलाड़ियों ने कल स्पर्धायें होने के कारण उद्घाटन समारोह में भाग नहीं लिया।
समारोह में हिन्दी का पुट भी देखने को मिला जो सिस्टरहुड शीर्षक से पेश किये गए कार्यक्रम में मशहूर फ्रेंच महिलाओं के योगदान को याद करने के लिये छह भाषाओं में बनाये गए इंफो ग्राफिक्स की एक भाषा थी। राष्ट्रपति एमैन्युअल मैकरोन ने खेलों की शुरूआत की घोषणा की जिससे अगले 16 दिन तक चलने वाले इस महाकुंभ की औपचारिक शुरूआत भी हो गई।
उद्घाटन समारोह का आकर्षण सीन नदी पर खिलाड़ियों का मार्च था। कार्यक्रम की शुरूआत में कैमरा फ्रांस के राष्ट्रपति मैकरोन और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रमुख थॉमस बाक पर था जब फ्रांस के महान फुटबॉलर जिनेदीन जिदान को पहले से रिकॉर्ड किये गए वीडियो में ओलंपिक मशाल के साथ पेरिस की सड़कों पर दौड़ते दिखाया गया।
फ्रांस की वर्णमाला के क्रम के अनुसार टीमों का आगमन हुआ। पहले ओलंपिक खेलों के जनक यूनान का दल आया जिसके बाद शरणार्थी टीम आई। मेजबान फ्रांस का दल सबसे आखिर में आया जिसका प्रशंसकों ने जबर्दस्त करतल ध्वनि से स्वागत किया।
भारतीय दल की अगुवाई दो ध्वजवाहकों दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पी वी सिंधू और टेबल टेनिस दिग्गज अचंत शरत कमल ने की। भारतीय दल 84वें नंबर पर आया। महिला खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंगों से बनी साड़ी और पुरूषों ने कुर्ता पायजामा पहना था। भारत के 78 खिलाड़ियों और अधिकारियों ने इसमें भाग लिया।
नावें शहर की ऐतिहासिक इमारतों कैथेड्रल आफ नोत्रे डेम, लावरे म्युजियम और कुछ आयोजन स्थलों से होकर गुजरी। अमेरिकी पॉपस्टार लेडी गागा ने अपने सुरों से समा बांधा। उद्घाटन समारोह का निर्देशन थॉमस जॉली ने किया था। कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिये दुनिया भर में मशहूर मिनियंस और एक लापता मोनालिसा भी थे जो आखिरकार सीन नदी में तैरते मिले।
शहर में उद्घाटन समारोह के लिये दो लाख से अधिक मुफ्त टिकट दिये गए थे जबकि एक लाख से अधिक टिकट बिके थे। उद्घाटन समारोह की सुरक्षा के लिये काफी चाक चौबंद उपाय किये गए थे और भारी तादाद में पुलिसबल तथा सैनिक जगह जगह तैनात थे।
समारोह में 18वीं सदी की फ्रांसीसी क्रांति की बानगी देता भी एक भाग था। आयोजकों ने सुरक्षा और लॉजिस्टिक की चुनौतियों से पार पाते हुए पूरे शहर को उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनाकर अभूतपूर्व नजारा पेश किया। भारत के 117 खिलाड़ी इन खेलों में भाग ले रहे हैं जिनमें 47 महिलायें हैं।
आयोजकों ने दावा किया है कि यह खेलों के इतिहास का सबसे बड़ा समारोह होगा जिसे तीन लाख से अधिक लोग सीन नदी के किनारे और अरबों लोग टीवी पर देखेंगे। पेरिस में 1900 और 1924 के बाद तीसरी बार ओलंपिक हो रहे हैं।