भारत-कजाकिस्तान के बीच लिखी गई दोस्ती की नई दास्तां, प्रगाढ़ हुए द्विपक्षीय संबंध

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ​शुक्रवार को कजाकिस्तान ​गणराज्य के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल ​​नुरलान ​​येरेमेबायेव के साथ ​द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।​ बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों ने प्रशिक्षण, रक्षा अभ्यास और क्षमता निर्माण सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए विचारों का ​​आदान-प्रदान किया।​ दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि दोनों ​देशों को आपसी हित के ​​रक्षा ​और ​औद्योगिक सहयोग की संभावना को देखना चाहिए।

कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने राजनाथ को कहा शुक्रिया

​​कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने ​​कजाक सैनिकों को​ ​​​भारतीय बटालियन के हिस्से के रूप में ​लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल ​​(यूएनआईएफआईएल)​ में ​तैनाती के लिए ​मौका ​​दिए जाने ​के लिए रक्षा मंत्री ​राजनाथ सिंह ​को धन्यवाद दिया।​ दोनों मंत्रियों ने वार्षिक काजिन्द अभ्यास का भी सकारात्मक आकलन किया।​ इस मौके पर सैन्य बलों के प्रमुख जनरल बिपिन रावत, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, रक्षा सचिव डॉ​.​ अजय कुमार, ​रक्षा उत्पादन​ ​सचिव​​​ राज कुमार​​, रक्षा मंत्रालय के​ वरिष्ठ ​सैन्य अधिकारी​ और वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे।

​​क​जा​ख ​के ​रक्षा मंत्री​ ​​लेफ्टिनेंट जनरल ​​नुरलान ​​येरेमेबायेव​​​ ​​0​7​ ​अप्रैल से ​तीन दिवसीय ​भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं। ​इसके पहले दोनों मंत्रियों ने आखिरी बार पिछले साल 05 सितम्बर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के मौके पर मुलाक़ात की थी। उसी समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें भारत की यात्रा के लिए आमंत्रित किया था।​ ​​​​क​जा​ख ​के ​रक्षा मंत्री​ ​ने जोधपुर में ​सेना ​मुख्यालय 12 को​​र और जैसलमेर में लोंगेवाला सेक्टर का दौरा ​करके अपनी यात्रा शुरू की थी​।

यह भी पढ़ें: मुलायम की भतीजी को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया आरोप, बताई सपा की चाल

​​भारत और कजाकिस्तान की सेनाओं के बीच द्विपक्षीय संबंध प्रगाढ़ हुए हैं। दोनों देशों की सेनाएं सैन्य वैश्विक आतंकवाद और हाइब्रिड युद्ध के उभरते रुझानों के विभिन्न पहलुओं पर समय-समय पर सैन्य अभ्यास करती रहती हैं। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भारत और कजाकिस्तान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘काजिंद 2019’ हुआ था। इस संयुक्त अभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं के 100 सैनिक शामिल हुए थे। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने विभिन्न सैन्य ऑपरेशनों और आतंकवाद विरोधी जवाबी कार्रवाई के अनुभवों को एक दूसरे से साझा किया था।​​