नवजोत सिंह सिद्धू जेल में नहीं खाएंगे आम कैदियों वाला खाना, मिलेगा बादाम-अखरोट

वर्ष 1988 के रोड रेज मामले में पटियाला केंद्रीय कारागार में एक साल की जेल की सजा काट रहे कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू अब आम कैदियों वाला खाना नहीं खाएंगे. नवजोत सिंह सिद्धू को स्पेशल डाइट देने के लिए पटियाला की एक अदालत ने मंगलवार को मंजूरी दे दी है. इसके तहत नवजोत सिंह सिद्धू को अब जेल में बादाम, अखरोट और नारियल पानी के अन्य स्पेशल डायट दिया जाएगा. दरअसल, मेडिकल रिपोर्ट में सामने आया था कि उन्हें फैटी लीवर की दिक्कत है.

कोर्ट ने दी स्पेशल डाइट की अनुमति

बता दें कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सोमवार सुबह भारी सुरक्षा के बीच स्वास्थ्य जांच के लिए पटियाला के राजिंद्र अस्पताल ले जाया गया. जहां उनकी मेडिकल जांच कराई गई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मेडिकल जांच में सामने आया कि उन्हें फैटी लीवर की शिकायत है. डॉक्टरों ने उन्हें लो फैट और फाइबर फूड खाने की सलाह दी है. इसके साथ ही उनका डाइट प्लान आज पटियाला की एक अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें स्पेशल डाइट दिए जानें की अनुमति दे दी है.

सिद्धू जेल में इन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं कर सकते

इससे पहले क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू के वकील एचपीएस वर्मा ने सोमवार को बताया कि जेल में उन्होंने विशेष आहार की मांग की है और डॉक्टरों का एक बोर्ड अस्पताल में सिद्धू की गहन स्वास्थ्य जांच करेगा. डॉक्टरों का बोर्ड यह देखेगा कि किस विशेष आहार की जरूरत है. वकील के मुताबिक, नवजोत सिंह सिद्धू गेहूं, चीनी, मैदा और कुछ अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि वह जामुन, पपीता, अमरूद, डबल टोंड दूध और ऐसे खाद्य पदार्थ ले सकते हैं, जिनमें फाइबर और कार्बोहाइड्रेट न हो.

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इस बीमारी से पीड़ित है नवजोत सिंह

उल्लेखनीय है कि 58 वर्षीय नवजोत सिंह सिद्धू एम्बोलिज्म और यकृत की बीमारी से पीड़ित हैं. वर्ष 2015 में उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में एक्यूट डीप वेन थ्रम्बोसिस (DVT) का इलाज भी कराया था. डीवीटी नस में रक्त के थक्के जमने के कारण होता है, जो रक्त प्रवाह में बाधा डालते हैं. बता दें कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सिद्धू को 20 मई को एक स्थानीय अदालत के समक्ष समर्पण करने के बाद पटियाला केंद्रीय कारागार भेज दिया गया था. 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में उच्चतम न्यायालय ने उन्हें एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इस घटना में गुरनाम सिंह नामक 65 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी.