ममता के दांव पर चला मोदी सरकार का चाबुक, मुख्य सचिव पर कसा तगड़ा शिकंजा

बीते दिनों यास चक्रवात को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक के बाद केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ ममता सरकार के बीच शुरू हुआ विवाद बदस्तूर जारी है। दरअसल, इस बैठक के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय का तबादला करते हुए सोमवार को दिल्ली बुलाया था। हालांकि सोमवार को मुख्य सचिव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय रिटायर हो गए हैं। अब वह अगले तीन सालों तक उनके मुख्य सलाहकार बने रहेंगे। ममता के इस बयान के बाद अब केंद्र ने अलपन बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।

ममता ने दी बड़ी जानकारी

दरअसल, केंद्र ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय का तबादला करते हुए सोमवार को दिल्ली में कार्यभार संभालने का आदेश सुनाया था। लेकिन वह दिल्ली नहीं पहुंचे। उधर ममता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि बंदोपाध्याय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और अब उन्हें तीन सालों के लिए ममता ने अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त किया है।

इसके साथ ही ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे मुख्य सचिव को वापस बुलाने के केंद्र के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था और कहा था कि उनकी सरकार शीर्ष नौकरशाह को कार्यमुक्त नहीं कर रही है।

ममता ने बताया कि उनके इस पत्र पर केंद्र का जवाब आया है जिसके मुताबिक बंदोपाध्याय को मंगलवार को“नॉर्थ ब्लॉक में कार्यभार संभालने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि केंद्र के पत्र में मुख्य सचिव को वापस बुलाए जाने की वजह का जिक्र नहीं किया गया है।

ममता ने कहा कि केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना कार्यभार ग्रहण करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सभी राज्य सरकारों, विपक्षी नेताओं, आईएएस-आईपीएस, गैर सरकारी संगठनों से एक साथ मिलकर संघर्ष करने की अपील करती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हिटलर, स्टालिन जैसा निरंकुश व्यवहार कर रहे हैं।

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आपको बता दें कि यह हंगामा बीते दिनों पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई उस समीक्षा बैठक के बाद शुरू हुआ है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को ममता के साथ यास चक्रवात की वजह से हुए नुकसान पर चर्चा करना था। आरोप है कि इस बैठक में ममता बनर्जी अपने मुख्य के साथ 30 मिनट देरी से आई और अन्य बैठकों का हवाला देते हुए तुरंत वहां से चली गई।