डॉक्टरों की लापरवाही से मरते-मरते बची प्रसूता, पेट में छोड़ दिया था तौलिया

डॉक्टरों की लापरवाही को दर्शानी वाली शर्मनाक घटना कानपुर से सामने आई है। बताया जा रहा है कि यहां कानपुर में कल्याणपुर के एक नर्सिंग होम में महिला डॉक्टर ने सिजेरियन डिलीवरी कराकर शिशु को तो निकाल लिया लेकिन तौलिये की तरह का एक सर्जिकल पैड प्रसूता के पेट में ही छोड़ दिया।

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डॉक्टरों की लापरवाही से मरते-मरते बची प्रसूता, पेट में छोड़ दिया था तौलिया

खबरों के मुताबिक यह सर्जिकल पैड 77 दिन तक प्रसूता के पेट में पड़ा रहा, जिससे उसका दर्द बढ़ता गया और हालत बिगड़ गई। रविवार को प्रसूता के पेट से तौलिया निकाला गया। डॉक्टरों की लापरवाही की शिकायत डीएम और सीएमओ से भी की गई है लेकिन अभी तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। डॉक्टरों की लापरवाही से मरते-मरते बची प्रसूता, पेट में छोड़ दिया था तौलिया।

घटना न्यू आजाद नगर के रहने वाले हितेश वाजपेयी की पत्नी राबी (30) के साथ हुई है। जानकारी के मुताबिक उनकी डिलीवरी 17 अक्तूबर को बगिया क्रॉसिंग, कल्याणपुर स्थित एक नर्सिंग होम में हुई थी। डिलीवरी के बाद 10 दिन तक जब दर्द बना रहा तो वह अस्पताल गए और पूरी स्थिति बताई। डॉक्टरों की लापरवाही से मरते-मरते बची प्रसूता, पेट में छोड़ दिया था तौलिया।

इस पर अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहा गया। वाजपेयी ने क्षेत्र के ही एक सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराया तो बताया गया कि पेट में बड़ा सा खून का थक्का जम गया है। इसके साथ ही सर्जरी के दौरान तौलिया छूट जाने का शक भी जाहिर किया गया।

इस पर वाजपेयी ने डीएम, सीएमओ और एसएसपी के यहां शिकायत की। व्हॉट्सएप पर भेजे गए मैसेज पर सीएमओ ने राबी को हैलट ले जाने की सलाह दी। इसी बीच राबी की हालत बिगड़ने लगी। खबरों के मुताबिक वाजपेयी ने बताया कि वह राबी को आर्यन हॉस्पिटल ले गए। यहां लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. संदेश कटियार की टीम ने सर्जरी कर तौलिया निकाला।