बंगाल चुनाव से पहले ही कांपा ममता का सियासी किला, बीजेपी को मिली नई मजबूती

पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक तरफ जहां तृणमूल कांग्रेस लगातार झटकों का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीं, बीजेपी की ताकत दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही है। पार्टी के कई नेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। तृणमूल छोड़ने वाले नेताओं का क्रम अभी भी बदस्तूर जारी ही है। इसी क्रम में शनिवार को तृणमूल के एक और दिग्गज ने बीजेपी का दामन थाम लिया है।

तृणमूल के पुराने सांसद ने ममता को दिया बड़ा झटका

मिली जानकारी के अनुसार, बीते महीने तृणमूल से इस्तीफा देने वाले पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने शमिवार को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। उन्होंने नई दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, और केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और धर्मेन्द्र प्रधान मौजूदगी में बीजेपी के साथ आने का फैसला लिया। उन्होंने दौरान उन्होंने बीजेपी में आने को सुनहरा पल करार दिया।

इस साथ ही दिनेश त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जमकर आड़े हाथों भी लिया। दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि एक परिवार में पार्टी सर्वोपरि है। उन्होंने कहा आज बंगाल मे ऐसा माहौल है कि वहा की जनता ये कहती थी कि आप इस पार्टी में क्या कर रहे हैं।

दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि आज यह हालत हो गई है कि एक स्कूल बनाने के लिए चंदा देना पड़ रहा है। बंगाल में लगातार हिंसा बढ़ रही है। वहां पर हिंसा और भ्रष्टाचार से जनता परेशान है। ऐसे में बंगाल की जनता खुश है कि वहां पर असली परिवर्तन होने जा रहा है।

दिनेश त्रिवेदी का स्वागत करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि दिनेश त्रिवेदी को बीजेपी में शामिल कर रहे हैं, इस मौके पर उनका स्वागत करते हैं। उनका राजनीति में लंबा अनुभव रहा है। उन्होंने सत्ता को दरकिनार करते हुए राजनीतिक जीवन गुजारा है।

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जेपी नड्डा ने कहा कि बहते हुए विचार के साथ बीजेपी में अपने आप को समावेश किया है। दिनेश एक अच्छे व्यक्तित्व वाले हैं लेकिन गलत पार्टी में थे और ये बात खुद वे भी महसूस करते थे। अब सही व्यक्ति सही पार्टी में है, जहां पर उनका नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सही उपयोग कर पाएंगे। इन्होंने राजनीति में नीतियों के कारण उसकी कीमत चुकाई है।

गौरतलब है कि दिनेश त्रिवेदी ने 12 फरवरी को टीएमसी से इस्तीफा दे दिया था। वह 2011 से 2012 तक केन्द्रीय रेल मंत्री रहे। वह 2 बार लोकसभा और 3 बार राज्सभा सदस्य रहे हैं। 2009 में पहली बार बैरकपुर से सांसद बने।