बंगाल चुनाव: बीजेपी के सियासी जाल में फंसे ममता के पीके, अब देना पड़ रही सफाई

बंगाल चुनाव के चौथे चरण में मतदान प्रक्रिया जारी है। राज्य की 44 सीटों पर हो रहे मतदान के दौरान कई स्थानों से हिंसा की खबर आ रही है। इन्ही हिंसाओं की खबर के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने सियासी रणनीति का ऐसा जाल बिछाया है, जिसमें सूबे की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस बुरी तरह उलझी नजर आ रही है। दरअसल, बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कुछ ऑडियो जारी किया है। इन ऑडियो के साथ ही उन्होंने दावा किया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) है कि बंगाल में बीजेपी जीत रही है। हालांकि प्रशांत किशोर ने बीजेपी के सारे दावों को झूठा करार दिया है।

बीजेपी ने जारी किया प्रशांत किशोर का ऑडियो

एक न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, अमित मालवीय ने शनिवार सुबह कुछ ऐसे वीडियो जारी किये हैं, जिसमें क्लब हाउस ऐप पर चल रही चर्चा की ऑडियो रिकॉर्डिंग मौजूद हैं। इन ऑडियो में पीके कुछ पत्रकारों से बातचीत करते नजर आ रहे हैं। इस ऑडियो में प्रशांत किशोर कहते सुनाई दे रहे हैं कि वोट मोदी के नाम पर हैं, हिंदू होने के नाम पर है। ध्रुवीकरण, हिंदी भाषी, SC ही चुनाव के फैक्टर हैं। मोदी यहां पॉपुलर हैं। मतुआ समुदाय बड़ी संख्या में बीजेपी के लिए वोट कर रहा है।

इसके अलावा ऑडियो में प्रशांत किशोर यह भी कह रहे हैं कि बंगाल में तृणमूल के खिलाफ एंटी इंकंबैंसी है, न कि मोदी के खिलाफ। वे यह भी कहते सुनाई दे रहे हैं कि बंगाली की राजनीति का इकोसिस्टम मुस्लिम वोटों को हासिल करने का ही रहा है और पहली बार हिंदुओं को लग रहा है कि उनकी बात हो रही है। पीके के इस ऑडियो को बीजेपी ने हथियार बनाते हुए बड़ा हमला बोला है। बीजेपी का कहना है कि खुद प्रशांत किशोर ने ममता बनर्जी की हार स्वीकार कर ली है।

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हालांकि, प्रशांत किशोर ने बीजेपी नेता के इस दावे का खंडन किया है। उनका कहना है कि इस ऑडियो में बीजेपी ने आधी अधूरी सच्चाई बताई है। पीके ने बीजेपी के दावे पर कहा है कि बीजेपी को सच्चाई सामने लाने के लिए पूरा ऑडियो रिलीज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी बात इस सवाल के जवाब में थी कि बीजेपी को लगभग 40% वोट कैसे मिल रहे हैं और ऐसी धारणा क्यों है कि बीजेपी जीत रही है। प्रशांत ने तंज कसते हुए कहा है कि वे ये जानकर खुश हुए कि बीजेपी उनकी बात को अपनी पार्टी के नेताओं से ज्यादा तरजीह देती है।