- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेला क्षेत्र में 43 अस्थायी अस्पताल बनाए जाएंगे
लखनऊ। महाकुंभ-2025 में आने वाले श्रद्धालुओं को योगी सरकार वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी। इसके लिए स्वास्थ्य संबंधी 18 प्रोजेक्ट पर करीब 125 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जा रही है। इससे मेला क्षेत्र, प्रयागराज शहर के अस्पताल और मेला क्षेत्र के रास्ते में पड़ने वाले सीएचसी-पीएचसी को अपग्रेड किया जा रहा है। साथ ही इन्हे हाइटेक टेक्नोलॉजी से लैस किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए मेला क्षेत्र में 43 अस्थायी अस्पताल बनाए जाएंगे, जबकि शहर के चार अस्पतालों में 305 बेड रिजर्व किये जाएंगे। वहीं आकस्मिक सेवाओं के लिए 24 घंटे डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात रहेंगे।
वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 18 प्रोजेक्ट
महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ-2025 को दिव्य, भव्य और सुरक्षित आयोजित कराने के लिए लगातार बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं। इसी के तहत उन्हाेंने महाकुंभ-2025 में आने वाले श्रद्धालुओं को वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरुप प्रयागराज में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े 18 प्रोजेक्ट संचालित हैं, जिसे करीब 125 करोड़ की लागत से धरातल पर उतारा जाएगा। महाकुंभ मेला अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य संबंधी कार्यों के लिए शासन की ओर अब तक 41.73 लाख का बजट जारी किया जा चुका है जबकि 57.97 लाख की धनराशि को हरी झंडी दे दे है। उन्होंने बताया कि जल्द ही यह धनराशि जारी कर दी जाएगी।
एडिशनल डायरेक्टर (हेल्थ) डॉ. राकेश शर्मा ने बताया कि सबसे पहले शासन ने शहर के चार अस्पताल मोती लाल नेहरू चिकित्सालय (कॉल्विन), तेज बहादुर सप्रू (बेली) अस्पताल, राजकीय क्षय रोग चिकित्सालय टेलियरगंज और जिला महिला चिकित्सालय (डफरिन) अस्पताल के अपग्रेडेशन के लिए 28 करोड़ रुपये जारी किये गये थे, जिसका काम चल रहा है।
इन अस्पतालों में श्रद्धालुओं के लिए 305 बेड रिजर्व किये गये हैं। वहीं डफरिन अस्पताल में महिला श्रद्धालुओं के लिए 50 बेड रिजर्व किये गये हैं। इसके अलावा एंबुलेंस, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, शव वाहन, डिजास्टर मैनेजमेंट और ऑफिस के लिए 13.73 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि इस धनराशि से 125 रोड एंबुलेंस, 20 रिवर एंबुलेंस और 1 एयर एंबुलेंस की तैनाती की जाएगी।
मेला क्षेत्र में स्थापित किये जाएंगे 380 बेड के 43 अस्थायी अस्पताल
ज्वाइंट डॉयरेक्टर स्वास्थ्य डॉ. विवेक कुमार मिश्रा ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए महाकुंभ मेला क्षेत्र को 25 सेक्टर में बांटा गया है। ऐसे में इसे ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र में 380 बेड के 43 अस्थायी अस्पताल बनाए जा रहे हैं। इनमें 100 बेड का एक अस्थायी सेंट्रल अस्पताल, 25-25 बेड के दो अस्थायी सब सेंट्रल अस्पताल, 20-20 बेड के दो अस्थायी संक्रामक रोग के अस्पताल और 8 सेक्टर में 20-20 बेड के एक-एक अस्थायी अस्पताल शामिल हैं। यह अस्पताल मेला क्षेत्र के लगभग तीन सेक्टर कवर करेंगे।
इसके अलावा एक-एक बेड के 10 फस्ट एड पोस्ट और 20 आउट हेल्थ पोस्ट स्थापित किये जा रहे हैं। यह आउट हेल्थ पोस्ट पार्किंग स्थल, स्टॉल समेत अन्य स्थानों पर स्थापित किये जाएंगे। इसके लिए 14.25 लाख की धनराशि खर्च की जा रही है। साथ ही मेला क्षेत्र में वेक्टर जनित रोगों पर अंकुश लगाने के लिए 10 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।
वहीं इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों के खाने-पीने, सर्जिकल आइटम्स, दवाइयों के लोकल परचेज समेत अन्य मदों में 12.73 लाख रुपये खर्च किये जा रहे हैं। इसके अलावा मेला क्षेत्र के रास्ते में पड़ने वाले 12 सीएचसी, 3 पीएचसी, एक पोस्टमार्टम हाउस के अपग्रेडेशन और ड्रग वेयर हाउस के लिए कुल 21.24 लाख रुपये खर्च किये जा रहे हैं।
मेला क्षेत्र में तैनात होंगे 407 डॉक्टर्स, 24 घंटे मौजूद रहेंगी गायनेकोलाॅजिस्ट
कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए 407 डॉक्टर्स की तैनाती की जा रही है। इसके साथ ही 182 नर्सिंग स्टाफ, 150 वार्ड ब्वाय, 354 फार्मासिस्ट और 60 लैब टेक्नीशियन की तैनाती की जाएगी।
उन्होंने बताया कि महाकुंभ में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में उन्हे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं। मेला क्षेत्र के अस्पताल में तीन शिफ्ट में 48 महिला चिकित्सक अपनी सेवाएं देंगी।
वहीं सेंट्रल अस्पताल में लेबर रूम की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा मेला क्षेत्र में 24 घंटे गायनेकोलॉजिस्ट भी तैनात रहेंगी। साथ ही 40 स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की टीम पर रहेगी। इसके अलावा सीएचसी और पीएचसी में भी 24 घंटे आकस्मिक सेवाएं उपलब्ध रहेगी। यहां पर एक्स्ट्रा दवाइयां, मरहम-पट्टी समेत अन्य चीजों के पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिये गये हैं।