- गर्भवती महिला अभ्यर्थियों को डिलीवरी के एक वर्ष बाद फिर से प्रशिक्षण में शामिल होने का अवसर मिलेगा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में महिला अभ्यर्थियों को लेकर एक अहम बदलाव किया गया है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि कोई महिला अभ्यर्थी प्रशिक्षण के दौरान गर्भवती पाई जाती है तो उसे तत्काल प्रभाव से प्रशिक्षण से हटा दिया जाएगा। इस फैसले का उद्देश्य महिला सिपाहियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बनाए रखना है।
पुलिस विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि गर्भवती महिला अभ्यर्थियों को डिलीवरी के एक वर्ष बाद फिर से प्रशिक्षण में शामिल होने का अवसर मिलेगा। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी महिला का प्रशिक्षण चार महीने पंद्रह दिन (4.5 महीने) से कम हुआ है तो उसे पूरा प्रशिक्षण दोबारा करना होगा। वहीं अगर प्रशिक्षण की अवधि 4.5 महीने से अधिक हो चुकी है तो प्रशिक्षण वहीं से दोबारा शुरू कराया जाएगा, जहां वह रुका था।
आरक्षी नागरिक पुलिस के आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह दिशा-निर्देश लागू कर दिए गए हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रशिक्षण के दौरान कोई भी स्वास्थ्य जोखिम न उठाना पड़े और महिला सिपाहियों को पर्याप्त समय के बाद दोबारा प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिले।
यह निर्णय यूपी पुलिस बल में महिलाओं की भूमिका को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे न केवल उनके स्वास्थ्य की रक्षा हो सके, बल्कि प्रशिक्षित बल की गुणवत्ता में भी कोई कमी न आए।