“लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन” और “मेदांता हॉस्पिटल” ने आपस में मिलाया हाथ

चिकित्सा जगत के सर्वश्रेठ अस्पताल मेदांता और लखनऊ के प्रतिष्ठित संगठन लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन ने मंगलवार को अपने सदस्यों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक बड़ी पहल की है। सुशांत गोल्फ सिटी स्थित मेदांता परिसर में लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन और मेदांता के मध्य एक एमओयू साइन किया गया। इस दौरान मेदांता के स्वास्थ निदेशक डॉ. राकेश कपूर और लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजीव प्रधान ने एमओयू पर अपने-अपने हस्ताक्षर किए।

डॉ राकेश कपूर और राजीव प्रधान ने संयुक्त रूप से जानकारी दी कि वे अपने सदस्यों के लिए राजधानी लखनऊ में उच्च स्तरीय निशुल्क जांच शिविर आयोजित करेंगे। इस शिविर में सदस्यों की निशुल्क जांच होगी तथा मेदांता के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा सलाह दी जाएगी। इसके अतिरिक्त वरिष्ठ चिकित्सकों के पैनल द्वारा हेल्थ सेमिनार के भी आयोजन होंगे। इसमें सदस्यों को अपने स्वास्थ्य की सेवाओं के लिए बीमारियों से बचने की टिप्स दी जाएंगी। लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन के सदस्यों को मेदांता अस्पताल मे प्लैटिनियम डेस्क के माध्यम से प्राथमिकता से इलाज दिया जाएगा। इस अवसर पर मेदांता की और से वी पी ऑपरेशन सौरभ गुप्ता ,मार्केटिंग हेड अलोक खन्ना ,अभिषेक मिश्रा आदि मौजूद रहे।

जीवन की सबसे अनमोल पूंजी स्वास्थ्य है: राजीव प्रधान

लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजीव प्रधान ने कहा जागरूकता ही बचाव है हम लोग अपनी व्यस्तताओं के कारण अपने स्वास्थ्य पर समुचित ध्यान नहीं दे पाता है परिणाम स्वरूप उम्र बढ़ने के साथ-साथ अनेक रोगों से भी ग्रसित हो जाता हैं। अतः समय रहते सभी को अपने स्वास्थ्य की चिंता करनी चाहिए उन्होंने कहा जीवन की सबसे अनमोल पूंजी स्वास्थ्य ही है। इसलिए इस पूंजी को समय रहते संभालना अति आवश्यक है।

एलएमए के साथ एमओयू साइन करके गौरवान्वित महसूस कर रहे: डॉ राकेश कपूर

मेदांता के स्वास्थ्य निदेशक डॉ राकेश कपूर ने इस अवसर पर कहा यह मेदांता का सौभाग्य है कि हमें अपने लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन के सदस्यों की सेहत संबंधी सेवा करने का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन के साथ एमओयू साइन करके हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। निश्चित रूप से दोनों संस्थाओं के सहयोग से एसोसिएशन के सदस्यों एवं उनके परिजनों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा सकेगा।

शरीर का 10 फीसदी अतिरिक्त वजन कम करके गठिया रोग के दर्द में लाई जा सकती कमी

कार्यक्रम के दौरान ‘स्वास्थ गोष्ठी’ का भी आयोजन किया गया जिसमें डा. धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि किसी व्यक्ति में ज्यादा वजन होना गठिया रोग की शुरुआत होने के जोखिम के प्रमुख कारकों में से एक है। हमारे जोड़ों में एक निश्चित सीमा तक वजन उठाने की क्षमता है। शरीर का हर एक किलो अतिरिक्त वजन घुटनों पर चार गुना दबाव डालता है। अध्ययन में यह दिखा गया है कि शरीर का 10 फीसदी अतिरिक्त वजन कम करने से गठिया रोग के दर्द में 50 फीसदी की कमी लाई जा सकती है ।अधिकतर भारतीय मरीज डॉक्टर के पास इलाज के लिए तब पहुंचते हैं ,जब दर्द हद से बढ़ जाता है और इसका असर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर पडऩे लगता है । इस तरह के पुराने मामलों में पारंपरिक चिकित्सा उपाय, जैसे दवाइयां या जीवनशै ली में बदला व, लंबे समय तक मरीज को उसके दर्द से राहत नहीं दिला पाते । ऐसी हालत में जोड़ों को बदलना (जॉइंट रिप्लेसमेंट) ही एकमात्र उपाय होता है । गोष्ठी में लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन के 100 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया।