भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में मौनी अमावस्या को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। देश भर से लाखों की संख्या में धर्म नगरी पहुंच कर पतित पावनी मंदाकिनी गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।
मौनी अमावस्या के दिन ही रामघाट में गोस्वामी तुलसी दास जी को प्रभु श्री राम के दर्शन हुए थे। उसी अद्भुत मिलन को लेकर रामचरितमानस में यह चैपाई लिखी गई है ‘चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीड़, तुलसीदास चंदन घिसे, तिलक करे रघुवीर।
कामतानाथ मंदिर के पुजारी भरत शरण दास महाराज बताते हैं कि चित्रकूट विश्व की आध्यात्मिक राजधानी है। प्रभु श्रीराम ने साढ़े 11 वर्षो तक यहां निवास कर तपस्या की थी। आज भी लोगों की आस्था है कि मौनी अमावस्या में भगवान राम व लक्ष्मण मंदाकिनी स्नान को रामघाट आते हैं। उनकी कृपा पाने के लिए लाखों श्रद्धालु चित्रकूट आते हैं। डुबकी लगाने के बाद मनोकामनाओं की पूर्ती के लिए कामदगिरि पर्वत की पंच कोसीय परिक्रमा लगाते हैं।
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अपर पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र राय ने बताया कि मेला को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।