भारत के खिलाफ लगातार आग उगलने वाले खालिस्तानी आतंकियों ने अब कनाडा में रहने वाले श्वेत लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। दरअसल, खालिस्तानियों ने कनाडा के निवासियों के खिलाफ एक नई जंग की शुरुआत करते हुए उनसे यूरोप वापस चले जाने का आग्रह किया है। यह आग्रह करते हुए खालिस्तानियों द्वारा विरोध प्रदर्शन किये जाने का एक वीडियो भी प्राप्त हुआ है।
खालिस्तानियों ने निकाला मार्च
दरअसलम, सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर एक वीडियो साझा किया गया है जिसमें खालिस्तानी कनाडा में रहने वाले लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि वे यूरोप वापस चले जाएं, जहां से वे आए हैं। इस वीडियो में खालिस्तानियों का एक समूह कथित तौर पर नगर कीर्तन जुलूस के दौरान सरे बीसी क्षेत्र में मार्च करते हुए दिखाई दे रहा है, झंडे लहरा रहे हैं और संगीत बजा रहे हैं और वे कनाडा की भूमि पर अपना स्वामित्व घोषित कर रहे हैं।
वीडियो में एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि हमें कनाडावासियों पर गर्व है, यह हमारा देश है, हम इस देश के मालिक हैं। आप यूरोप से हैं, यूरोप वापस चले जाइए, आप कनाडाई नहीं हैं, हम कनाडाई हैं। वह अपने फॉलोअर्स से वीडियो को लाइक और शेयर करने का अनुरोध कर रहा है।
वीडियो में व्यक्ति कनाडाई लोगों को आक्रमणकारी कहते हुए स्वयं को मूल भारतीय भी कहता है, और कनाडा को खालिस्तानी देश बताते हुए चिल्लाता है, वापस जाओ साइमन, वापस जाओ।
Khalistanis march around Surrey BC and claim “we are the owners of Canada” and “white people should go back to Europe and Israel”.
How are we allowing these r*tards to shape our foreign policy? pic.twitter.com/9VmEnrVlGP— Daniel Bordman (@DanielBordmanOG) November 13, 2024
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों पर लगाया था आरोप
यह बात ऐसे समय में सामने आई है जब पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तान चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए हैं। हालांकि, नई दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया।
कनाडा के नागरिक निज्जर को भारत ने आतंकवादी घोषित किया था। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपनी धरती से गतिविधियां चला रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों को बिना किसी रोक-टोक के जगह दे रहा है।
नई दिल्ली ने इस आरोप को खारिज कर दिया है और ओटावा पर आरोप लगाया है कि वह खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं कर रहा है, जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करना चाहते हैं।
भारत ने कनाडा से प्रत्यर्पण के लिए किया था अनुरोध
इस महीने की शुरुआत में, खालिस्तानी चरमपंथी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श दल्ला, जिसे भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया है, को संभवतः कनाडा के ओंटारियो प्रांत में गोलीबारी की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
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हाल ही में विदेश मंत्रालय ने अर्श दल्ला का नाम उन खालिस्तानी आतंकवादियों में शामिल किया था जिनके प्रत्यर्पण के लिए कनाडा से अनुरोध किया गया है। हैल्टन पुलिस के बयान में कहा गया है कि वे मिल्टन में हुई गोलीबारी की सक्रियता से जांच कर रहे हैं।