केजरीवाल को प्रचार कराना पड़ा बहुत महंगा, उपराज्यपाल के इस आदेश के बाद बीजेपी हुई हमलावर

दिल्ली के उपराज्यपाल और राज्य की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के बीच एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। दरअसल LG विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने मुख्य सचिव (CS) को AAP से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया है, LG ने ये आदेश इसलिए दिया क्योंकि कथित तौर पर राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापन के रूप में प्रकाशित करने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने भुगतान किया था।

LG ने मुख्य सचिव को दिया निर्देश

LG ने मुख्य सचिव से सरकारी विज्ञापन में सामग्री नियमन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति (CCRGA) की सिफारिशों को लागू करने के लिए कहा है। अधिकारियों के अनुसार पूर्व एलजी अनिल बैजल ने AAP सरकार पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश का उल्लंघन करते हुए AAP द्वारा जारी किए गए विज्ञापनों के भुगतान के लिए सरकारी खजाने का उपयोग करने का आरोप लगाते हुए इसी तरह की आपत्ति जताई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद केंद्र सरकार ने विज्ञापन सामग्री को विनियमित करने के लिए 2017 में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया।

राज निवास (Raj Niwas officials) के अधिकारियों ने कहा, “सीसीआरजीए के 16.09.2016 के उक्त आदेश के अनुपालन में DIP ने यह पता लगाया कि 97,14,69,137 रुपये खर्च किए गए / दर्ज किए गए विज्ञापनों पर, जिसमे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया गया। 42,26,81,265 रुपये (डीआईपी द्वारा प्रकाशित विज्ञापनों के लिए 54,87,87,872 रुपये पहले ही जारी कर दिए गए थे) का वितरण अभी भी पेंडिंग है। डीआईपी ने 30.03.2017 के पत्र के माध्यम से निर्देश दिया आम आदमी पार्टी के संयोजक (Arvind Kejriwal) राज्य के खजाने में 42.26 करोड़ रुपये तुरंत और शेष राशि सीधे संबंधित विज्ञापन एजेंसियों/प्रकाशन को 30 दिनों के भीतर भुगतान करें। आप सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है।”

AAP ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया

एलजी ने एक पत्र में कहा है कि पांच साल आठ महीने बीत जाने के बावजूद AAP ने आदेश का पालन नहीं किया है। अधिकारियों ने कहा, “यह गंभीर है, क्योंकि सार्वजनिक धन, विशिष्ट आदेश के बावजूद पार्टी द्वारा राज्य के खजाने (State Exchequer) में जमा नहीं किया गया है। एक पंजीकृत राजनीतिक दल द्वारा एक वैध आदेश की इस तरह की अवहेलना न केवल न्यायपालिका की अवमानना ​​​​है, बल्कि सुशासन के स्वास्थ्य के लिए भी शुभ नहीं है।”

एलजी हाउस ने यह भी कहा कि सतर्कता निदेशालय (DoV) ने भी एक जांच की और पाया कि न केवल DIP ने 42,26,81,265 रुपये की राशि वसूल नहीं की बल्कि AAP से भुगतान कराने के बजाय 54,87,87,872/- रुपये की लंबित राशि का सक्रिय रूप से भुगतान किया।

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AAP ने सरकारी खजाने का पैसा खुद के प्रचार के लिए उपयोग किया- BJP

वहीं पूरे मामले पर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 2015 और दिल्ली हाई कोर्ट के 2016 के आदेश का उलंघन किया है। AAP ने सरकारी खजाने का पैसा खुद के प्रचार के लिए उपयोग किया है। आम आदमी पार्टी का असली नाम ऑल एडवर्टाइजमेंट पार्टी है।”