बडगाम में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के एक दिन बाद, जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. घाटी में काम करने वाले कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों ने अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन किया. कश्मीरी पंडित समुदाय से आने वाले सरकारी कर्मचारियों ने यह भी कहा कि अगर उन्हें घाटी से जम्मू में ट्रांसफर नहीं किया गया तो वे नौकरी से सामूहिक इस्तीफा दे देंगे. कश्मीरी पंडितों ने सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार उन्हें सुरक्षा देने में विफल रही है.
कश्मीरी पंडित समुदाय के प्रवासियों के लिए विशेष रोजगार पैकेज के तहत राहुल भट्ट को 2010-11 में क्लर्क की नौकरी मिली थी. वह घाटी के चाडूरा तहसील कार्यालय में कार्यरत थे. आतंकवादियों ने गुरुवार को कार्यालय के अंदर घुसकर उन्हें गोली मार दी थी. राहुल को आनन-फानन में पड़ोस के अस्पताल में ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मृतक की पत्नी ने कहा, ‘सरकार हमारी सुरक्षा के बारे में नहीं सोच रही है. हमें बलि का बकरा बनाया जा रहा है. आतंकवादी कश्मीरी पंडितों को टारगेट करके उन्हें मार रहे हैं. जरूर उनके साथ के लोगों ने आतंकवादियों को कुछ बताया होगा तभी आतंकवादी वहां पर पहुंचे और उन्हें मार दिया.’
वहीं राहुल भट्ट के पिता ने कहा कि वह अपना तबादला घाटी से जम्मू में करने के लिए पिछले कई महीनों से आवेदन कर रहा था. लेकिन जिला प्रशासन ने उसके आवेदन पर गौर नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘अगर सरकारी कार्यालय में पंडित सुरक्षित नहीं है, तो फिर कहां है? राहुल की पत्नी और बच्चे भी कश्मीर में हैं. सरकार कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा देने में विफल रही है. राहुल की नौकरी 2011 में लगी थी, लेकिन वह चाडूरा से ट्रांसफर चाहता था.’ आतंकवादियों द्वारा राहुल भट्ट की हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडितों ने बारामुला-श्रीनगर हाईवे और जम्मू-श्रीनगर हाईवे को जाम कर विरोध-प्रदर्शन किया.
ज्ञानव्यापी मस्जिद विवाद के बीच सीएम योगी पहुंचे काशी, कही ये दिल छू लेने वाली बात
गुरुवार को भी विरोध प्रदर्शन हुआ था. कश्मीरी पंडितों की मांग थी कि जब तक उपराज्यपाल मनोज सिन्हा राहुल के घर नहीं आते तब तक राहुल के शव को नहीं ले जाने देंगे. हालांकि प्रशासन के मनाने पर वे मान गए और शव को राहुल भट्ट के घर ले जाया गया. शुक्रवार सुबह राहुल भट्ट का अंतिम संस्कार बनतालाब में किया गया. अंतिम संस्कार के वक्त जम्मू-कश्मीर के एडीजीपी मुकेश सिंह, डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार और डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा मौजूद थे. अंतिम संस्कार के वक्त भारी संख्या में सुरक्षा बल और आम लोग भी उपस्थित थे.