उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में बीते मंगलवार को देर शाम हुई सिपाही देवेंद्र की हत्या और दरोगा को घायल करने की घटना मामले में पुलिस काफी सक्रियता से कार्य कर रही है। इस घटना की गंभीरता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जारी किये गए निर्देश के बाद पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। दरअसल, पुलिस ने मामले में शामिल एक आरोपी को मुठभेड़ के बाद मार गिराया है। हालांकि एक आरोपी अभी भी फरार है।
पुलिस अधिकारी ने दी मामले की जानकारी
अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनंद ने बुधवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों आरोपित भाई हैं। इसमे एलकार को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है जबकि दूसरा आरोपित मोती फरार है। सिढ़पुरा थाने में एलकार पर तीन व मोती पर 11 मुकदमे दर्ज हैं। दोनों के खिलाफ मंगलवार देर रात नामजद व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
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उल्लेखनीय है कि गांव नगला बंगर में मंगलवार शाम दारोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र शराब माफिया मोती की कुर्की का नोटिस चस्पा करने गए थे। वहां माफिया ने दोनों को बंधक बना लिया और पीटकर सिपाही की हत्या कर दी। जबकि दारोगा को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना के बाद से एडीजी अजय आनंद, आईजी पीयूष मोर्डिया कासगंज में ही कैंप कर रहे थे।
दारोगा से दूर मिला था सिपाही
पुलिस को दारोगा एक खेत में मिले, उनकी मोटरसाइकिल के अलावा एक अन्य बजाज प्लेटिना बाइक भी मिली है। दारोगा की वर्दी-जूते भी पास ही पड़े थे। लगभग आधे घंटे बाद सिपाही भी एक गेहूं के खेत में गंभीर हालत में मिला। यहां पुलिस को शराब की भट्टी का सामान बिखरा पड़ा मिला है। घायल सिपाही और दरोगा को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सिपाही देवेंद्र की मौत हो गयी थी।
मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
इस घटना का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान में लिया। उन्होंने निर्देश दिया कि दोषियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाय। साथ ही उन्होंने मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा एवं आश्रित को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।