नयी दिल्ली। फिल्म इमरजेंसी के रिलीज होने की निर्धारित तारीख से चार दिन पहले अभिनेत्री कंगना रनौत ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) पर आरोप लगाया है कि फिल्म के प्रदर्शन में देरी के लिए उसके प्रमाणपत्र को रोका जा रहा है। फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रहीं कंगना ने कहा कि अगर उनके फिल्म के अनकट संस्करण को मंजूरी नहीं मिली तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगी।
उन्होंने शुभंकर मिश्रा के पोडकास्ट पर उनसे कहा, मेरी फिल्म पर भी आपातकाल लगा दिया गया है। यह बहुत निराशाजनक स्थिति है। मैं अपने देश में बहुत निराश हूं और जो भी परिस्थितियां हैं… हम कितना डरते रहेंगे। कंगना ने कहा, मैंने इस फिल्म को बहुत ही आत्मसम्मान के साथ बनाया है, यही वजह है कि सीबीएफसी किसी विवाद की ओर इशारा नहीं कर सकता। उन्होंने मेरा प्रमाणपत्र रोक दिया है, लेकिन मैं फिल्म का अनकट संस्करण रिलीज करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं। मैं अदालत में लड़ूंगी और बिना कट के फिल्म को रिलीज कराऊंगी।
एक सूत्र ने बताया कि फिल्म का प्रदर्शन इस शुक्रवार को नहीं किया जाएगा क्योंकि फिल्म निर्माताओं को अभी तक सेंसर बोर्ड की तरफ से प्रमाणपत्र नहीं मिला है। सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, भले ही उन्होंने (सीबीएफसी) अपनी वेबसाइट पर यूाए प्रमाणपत्र डाल दिया है, लेकिन निर्माताओं को अभी तक प्रमाणपत्र की प्रति नहीं मिली है। हर दिन फिल्म में एक नया कट लगाने को कहा जा रहा है, जो वे किसी दबाव के कारण कर रहे हैं। कंगना फिल्म की शुचिता के लिए लड़ रही हैं।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय फिल्म इमरजेंसी के रिलीज पर रोक लगाने के एक सिख संगठन के अनुरोध पर सोमवार को सुनवाई करेगा।फिल्म में अभिनय के साथ ही इसकी लेखक-निर्देशक और सह-निर्माता कंगना ने कहा कि उनकी फिल्म अब भी सेंसर बोर्ड के पास अटकी हुई है जबकि अफवाहें हैं कि इसे रिलीज के लिए मंजूरी दे दी गई है।
उन्होंने बताया कि उन पर दबाव है कि फिल्म में इंदिरा गांधी के अंगरक्षकों द्वारा उनकी हत्या की घटना को नहीं दर्शाया जाए। शिरोमणि अकाली दल ने शुक्रवार को सीबीएफसी को कानूनी नोटिस भेजकर कंगना रनौत की फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी। पार्टी का दावा है कि फिल्म सांप्रदायिक तनाव भड़का सकती है और गलत सूचनाओं का प्रसार कर सकती है।