लखनऊ । यूपी में पर्यटकों के लिए बेहतर आतिथ्य सत्कार उपलब्ध कराने एवं पर्यटन के बहुमुखी विकास के लिए उप्र पर्यटन नीति-2022 प्रख्यापित की गयी है। गत वर्ष फरवरी, 2023 में आयोजित किये गये जीआईएस-2023 में ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित किये जाने के लिए निवेशकों/उद्यमियों के साथ पर्यटन विभाग द्वारा 1163 एमओयू पर हस्ताक्षर कराये गये हैं। जिनके द्वारा प्रदेश में कुल 1,52,150 करोड़ रूपये का निवेश किया जाना है। इन एमओयू के माध्यम से 3,72,114 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि उप्र में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जिसके फलस्वरूप घरेलू पर्यटन के मामले में उप्र देश में पहले स्थान पर है और विदेशी पर्यटकों के प्रकरण में तीसरे स्थान पर है। पर्यटन विभाग विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके लिए धार्मिक एवं ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के पसंद के आधार पर अनुसार बुनियादी सुविधाओं का विकास एवं विस्तार किया जा रहा है। इसमें पर्यटन नीति-2022 का विशेष योगदान है।
जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटन नीति-2022 के अंतर्गत पंजीकरण हेतु निर्मित विभागीय पोर्टल पर 715 पर्यटन इकाईयों का पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी हो चुका है। उन्होंने बताया कि उप्र एक विशाल राज्य है। यहां पर कदम-कदम पर पर्यटक स्थल एवं पौराणिक स्थल मौजूद हैं, जिस पर घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। पिछले वर्ष काशी, मथुरा, अयोध्या एवं प्रयागराज में सर्वाधिक पर्यटकों का आगमन हुआ। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित होने के साथ ही राज्य सरकार को राजस्व भी प्राप्त हुआ।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि पर्यटन नीति-2022 में निवेशकों तथा पर्यटन क्षेत्र से जुड़े व्यवसायियों के लिए आकर्षक प्राविधान किये गये हैं। जिसमें सब्सिडी के साथ छूट प्रदान करने का मौका दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी में उ0प्र0 का 9.2 प्रतिशत योगदान है। मुख्यमंत्री जी ने उप्र की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का संकल्प लिया है।
इसमें कृषि, उद्योग तथा पर्यटन विभाग का अहम योगदान होगा। इसको दृष्टिगत रखते हुए पर्यटक स्थलों को नये सिरे से सजाया और संवारा जा रहा है। ताकि अधिक से अधिक पर्यटक उप्र आयें। उन्होंने यह भी बताया कि एक पर्यटक छः लोगों को रोजगार प्रदान करता है। इसलिए पर्यटन क्षेत्र में असीमित व्यवसायिक एवं आर्थिक संभावनायें बनी हुई हैं।