भारत ने कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और न ही कभी करेगा,पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर कहा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की और उन्हें स्पष्ट रूप से कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के साथ संघर्ष रोकने पर सहमति किसी मध्यस्थता या व्यापार समझौते की वजह से नहीं बनी थी। कनाडा में यहां जी7 शिखर सम्मेलन के समापन के तुरंत बाद मोदी ने मंगलवार को ट्रंप से बात की।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका आ सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देते हुए अमेरिका जाने में असमर्थता जतायी है। प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए ट्रंप को भारत आने का न्यौता दिया।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से साफ कहा कि इस पूरी घटनाक्रम के दौरान भारत-अमेरिका व्यापार समझौते और अमेरिका की ओर से भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर किसी भी स्तर पर बातचीत नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तृत चर्चा की।

उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के अपने दृढ़ संकल्प से पूरी दुनिया को अवगत करा दिया है। उन्होंने पिछले महीने सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों द्वारा शुरू की गई वैश्विक पहुंच का जिक्र किया। 35 मिनट की अपनी बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान की गोली का जवाब गोली से देगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को अब युद्ध के रूप में देखा जाता है, न कि “छद्म युद्ध” के रूप में, और ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को यह भी स्पष्ट किया कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते या भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने के लिए अमेरिका द्वारा मध्यस्थता जैसे मुद्दों पर कभी चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और न ही कभी करेगा। श्री मोदी ने यह भी कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने पर बातचीत भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे तौर पर, दोनों सेनाओं के मौजूदा चैनलों के माध्यम से और पाकिस्तान के अनुरोध पर हुई थी।