कोयंबटूर कार ब्लास्ट में मारे गए युवक के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद, NIA ने शुरू की जांच

दीपावली से एक दिन पहले तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक मंदिर के सामने कार सिलिंडर में ब्लास्ट हुआ था। इस धमाके में जश्मी मुबीन नामक युवक की मौत हो गई थी। धमाके में बाद शुरू हुई जांच में पुलिस ने मुबीन के घर से विस्फोटक बरामद किए है। जिसके बाद से इस घटना को आतंकी गतिविधियों से जोड़कर देखा जा रहा है। दूसरी ओर मृतक के घर से विस्फोटक बरामद होने के बाद मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को दी गई थी। एनआईए ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

आज कोयंबटूर पुलिस ने मृतक मुबीन के घर से 50 किग्रा अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम, सोडियम, फ्यूज वायर और 7 वोल्ट की बैटरियां बरामद की। मामले में पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा कि धमाके में मारा गया मुबीन ISIS का आतंकी था। यहां तक कि मुबीन को श्रीलंका विस्फोट से जोड़ा जा रहा है। मालूम हो कि 23 अक्टूबर को तमिलनाडु के कोयम्बटूर स्थित कोट्टई ईश्वरम मंदिर के पास खड़ी कार में सिलिंडर विस्फोट हुआ था।

ईस्टर दिवस पर श्रीलंका में हुआ था ऐसा ही धमाका

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), ने तमिलनाडु के कोयंबटूर में कार विस्फोट की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। दक्षिण भारत में श्रीलंका के ईस्टर बम विस्फोटों के समान एक आतंकवादी हमले की योजना पर संदेह कर रही है। तमिलनाडु पुलिस के अधिकारियों ने यह भी पाया है कि जश्मी मुबीन ने श्रीलंका में ईस्टर दिवस पर बमबारी के मुख्य साजिशकर्ता सहित कुछ आतंकवादी तत्वों के साथ संपर्क स्थापित करने की कोशिश की थी।

आत्मघाती हमला या अनजाने में हुआ विस्फोट था धमाका

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अल उमा के संस्थापक एसए बाशास के भाई नवास खान के बेटे मोहम्मद तालिक की मौजूदगी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि कार विस्फोट के पीछे एक बड़ी साजिश थी। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या कार विस्फोट प्रत्यक्ष आत्मघाती हमला था या फिर गैस सिलेंडर विस्फोट आकस्मिक था।

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1996 में कोयंबटूर में धमाके में मारे गए थे 56 लोग

अधिकारियों ने मंगलवार को यहां बताया कि तमिलनाडु पुलिस ने कार विस्फोट मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मोहम्मद तलका, मोहम्मद अजहरुद्दीन, मोहम्मद नवास इस्माइल, मोहम्मद रियास और फिरोज इस्माइल के रूप में हुई है। उक्कड़म कोयंबटूर का एक अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है और 1996 के कोयंबटूर विस्फोटों में कार्रवाई का केंद्र था, जिसमें 56 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक घायल हुए थे।