हरियाणा सरकार ने भारतीय सेना द्वारा मेडिकल व पैरा मेडिकल स्टाफ की सेवाएं प्रदेश को दिए जाने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। अब हरियाणा के संवेदनशील क्षेत्रों में राज्य सरकार के डाक्टरों की मदद के लिए सेना के डाक्टर तथा पैरा मेडिकल स्टाफ को तैनाती दी जाएगी। इस बीच डीआरडीओ ने पानीपत व हिसार में कोरोना अस्पतालों का निर्माण करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
सरकार ने स्वीकारा मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती का प्रस्ताव
हरियाणा के वित्तायुक्त तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने शुक्रवार को बताया कि एस्कॉर्ट कंपनी द्वारा फरीदाबाद में ऑक्सीजन सहित 150 बेड की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये फरीदाबाद के डीसी सहित अन्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कौशल ने जिले में कोरोना से निपटने के प्रबंधों की समीक्षा की। संबंधित नोडल अधिकारी को प्रत्येक निजी अस्पताल व सरकारी अस्पताल में जरूरत अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति व कमी की जानकारी रखनी होगी। इस संबंध में निजी व सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के साथ पूर्ण समन्वय स्थापित करते हुए उन्हें पूरी जानकारी भी मुहैया करवानी होगी।
जिला उपायुक्तों के माध्यम से होगी माइक्रो जोन में तैनाती
यदि किसी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी आती है तो हॉस्पिटल के डॉक्टर इस नोडल अधिकारी के साथ संपर्क स्थापित करके अपने अस्पताल में ऑक्सीजन के संबंध में जानकारी या आपूर्ति ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन नोडल अधिकारियों को अपने जिले में तीन दिन की ऑक्सीजन की पूर्ति को बनाए रखना अनिवार्य होगा और राज्य में ऑक्सीजन के आवंटन की जानकारी भी अपने पास रखनी होगी। यह जानकारी निजी व सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों व प्रबंधकों के साथ सांझा करनी होगी।
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कौशल ने बताया कि प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के डीसी को डॉक्टरों एवं पैरा-मेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति के लिए अधिकृत किया है। अगर कहीं भी डॉक्टरों एवं पैरा-मेडिकल स्टॉफ की जरूरत है तो डीसी कांट्रेक्ट आधार पर इनकी नियुक्ति कर सकेंगे। कौशल ने कहा कि सिविल सर्जन तथा निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की एक कमेटी बनाई जाए, जो क्रिटिकल मरीजों के दाखिला के संबंध में निर्णय ले सके कि किस हॉस्पिटल में किस स्तर के क्रिटिकल मरीज को दाखिल करना है। आईएमए डॉक्टरों के साथ भी नियमित संपर्क बनाए रखें और अपने जिले की जानकारी सांझा करते रहें।