हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े की गुरुवार को यहां हुई पंचों की बैठक में बलबीर गिरि को महंत नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी बनाने का अहम फैसला लिया गया। इसमें तय किया गया कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि महाराज की मौत के बाद उनके शिष्य बलवीर गिरि को बाघम्बरी मठ की गद्दी सौंपी जाएगी। इसमें निरंजनी अखाड़े के प्रमुख संत मौजूद रहे। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज ने हरिद्वार में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि 5 अक्टूबर को प्रयागराज में नरेंद्र गिरि महाराज की षोडशी में बलबीर गिरी की महंताई की जाएगी।
बैठक में निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने बाघम्बरी मठ की वसीयत सभी पंचों को दिखाई। इसमें निरंजनी अखाड़े के पंचों में आठ अष्ट कौशल महंत और आठ उप महंत शामिल रहे। सभी संतों ने अपने-अपने सुझाव रखे और निर्णय लिया कि कौन महंत नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी होगा। इसमें बलबीर गिरि को उनका उत्तराधिकारी बनाने का फैसला लिया गया।
बैठक में फैसला लिया गया कि निरंजनी अखाड़े में बाघम्बरी मठ के संचालन के लिए एक सुपरवाइजरी बोर्ड का गठन किया जाएगा। इस बोर्ड में निरंजनी अखाड़े के कई साधु-संत शामिल होंगे। इस बोर्ड के गठन का मकसद है कि निरंजनी अखाड़े की परंपरा और संस्कृति को बनाए रखा जा सके। रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि दिवंगत नरेंद्र गिरी महाराज ने जो वसीयत की है, उसके अनुसार ही बाघम्बरी मठ गद्दी बलबीर गिरि को सौंपी जा रही है।
उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद बलबीर गिरि काे उनका उत्तराधिकारी बनाया गया है। हालांकि, पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के पंच परमेश्वरों की बातचीत में पहले ही ये तय हो गया था कि महंत नरेंद्र गिरि की वसीयत के अनुसार बलबीर गिरि को ही बाघम्बरी मठ का उत्तराधिकारी बनाया जाएगा। आज की बैठक में उत्तराधिकारी के रूप में बलबीर गिरि के नाम पर अंतिम मुहर लगने के बाद उन्हें उत्तराधिकारी घोषित कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि गत 20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि का शव बाघम्बरी मठ आश्रम के कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला था। ऐसे में शिष्यों ने दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा था। साथ ही महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से पुलिस को लगभग 6-7 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। सुसाइड नोट में मानसिक रूप से परेशानी का जिक्र है। सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि पर उन्हें परेशान करने का भी आरोप है।