कल केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति में परंपरागत हलवा समारोह (Halwa Ceremony) का आयोजन किया जाएगा। इसे बजट तैयार करने में शामिल अधिकारियों की “लॉक-इन” प्रक्रिया से पहले किया जाता है। इसे बजट पूरा होने के सूचक के रूप में लिया जाता है।
हलवा सेरेमनी के पीछे का कारण
वैसे तो इस सेरेमनी को बजट से पहले मनाने की परंपरा के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि बजट पूरा होने की खुशी और मंत्रालय के कर्मचारियों की मेहनत को सराहने के लिए इस सेरेमनी को हर साल बजट पेश करने से पहले मनाया जाता है। आजादी के बाद से ही इसे मनाने की परंपरा निभाई जा रही है, लेकिन पिछली बार कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से इसे नहीं मनाया गया था।
इस तरह होती है तैयारी
हलवा सेरेमनी के लिए राष्ट्रीय राजधानी में सचिवालय भवन के नॉर्थ ब्लॉक बेसमेंट में वित्त मंत्रालय के मुख्यालय में मंच तैयार किया जाता है। दरअसल, बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारी और कर्मचारी खुद को अलग कर लेते हैं। बजट तैयार हो जाने के बाद वित्त मंत्री पारंपरिक (कंडा) में हलवा बनाकर अपने सहयोगियों को परोसती हैं। समारोह के दौरान राज्य मंत्री (MoS Finance) और मंत्रालय के अन्य टॉप अधिकारी इसमें शामिल होते हैं।
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सीतारमण का होगा चौथा बजट
इस साल पेश किए जाने वाला बजट निर्मला सीतारमण का चौथा बजट होगा। इससे पहले उन्होंने साल 2019, 2020 और 2021 में यूनियन बजट पेश किया था। जानकारी के लिए बता दें कि इस साल का बजट 2023 मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट होना वाला है। इस वजह से आने वाले बजट को लेकर लोगों को काफी उम्मीदें हैं।