कला स्रोत आर्ट गैलरी, अलीगंज, लखनऊ में आज युवा और ऊर्जावान कलाकार प्रशांत चौधरी के नवीनतम चित्रों की श्रृंखला दंश की प्रदर्शनी का समापन हुआ। प्रख्यात कलाकार डॉ रतन कुमार, प्राचार्य, कला एवं शिल्प महाविद्यालय, लखनऊ इस समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने प्रशांत चौधरी के चित्रों को देखते हुए कहा कि दो राय नहीं कि प्रशांत चौधरी ने समाज की विभिन्न विद्रूपताओं और संवेदनशील विषयों को अपना चित्रण विषय बनाया है पर उससे भी सुंदर इन चित्रों की प्रस्तुति है।

प्रशांत ने यथार्थ और अतियथार्थ शैली में बड़े ही रचनात्मक तरीके से चित्रों को रचकर समकालीन कला जगत में अपनी एक सशक्त जगह बनाई है। इन कामों से युवाओं को प्रेरित होना चाहिए। रतन कुमार ने यह भी कहा कि ललित कला के पाठ्यक्रमों में परिवर्धन करते हुए भाषा और व्यक्तित्व विकास को भी स्थान देना चाहिए। इससे रचनात्मकता पर भी प्रभावी बदलाव देखने को मिलेगा। कार्यक्रम का संचालन प्रख्यात कलाकार अवधेश मिश्र ने किया और धन्यवाद देते हुए शिक्षाशास्त्री और कला समीक्षक डॉ लीना मिश्र ने कहा कि शारीरिक दंश को तो भुलाया जा सकता है पर मानसिक दंश का दीर्घकालिक असर होता है और प्रशांत के चित्रों को देखने से लगता है कि इन्होंने इन विषयों को उन्होंने खूब जिया है।
कार्यक्रम में अनीता वर्मा, सुमित कुमार, प्रदीप सिंह, शुभम वर्मा, लोकेश वर्मा, फौजदार सहित लखनऊ के अनेक कला प्रेमी और युवा कलाकार उपस्थित थे। प्रशांत की यह प्रदर्शनी लखनऊ के बाद प्रदेश और देश के अन्य महानगरों में प्रदर्शित की जाएगी।
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