महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने जमकर लगाई सोनिया गांधी की क्लास, दे दी बड़ी नसीहत

देश में कोरोना महामारी के बीच राजनेताओं के राजनीतिक बयान जारी है। इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र और मुंबई में कोरोना की वर्तमान स्थिति के आंकड़ों को जिक्र किया और साथ ही साथ उन्होंने कहा कि कोरोना की ऐसी महामारी के दौरान राजनीतिक बयान बाजी न करें। हाल ही में भेजे गए सोनिया गांधी के कुछ पत्र और कांग्रेस नेताओं के बयानों को लेकर टिप्पणी की है।

पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि हाल ही में आपके द्वारा पीएम मोदी को भेजे गए कुछ पत्र और कांग्रेस नेताओं के बयान पढ़ने में आए हैं। शायद कुछ मुद्दे आपके ध्यान में नहीं लाए गए। ऐसा मुझे लगता है। बस केवल उन्हीं बातों को आपके सामने रखा गया जो दिखाई दे रहे हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि कई महीनों से हम सब कोरोना की महामारी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में कई सवाल देश की स्थिति पर उठाए गए। लेकिन महाराष्ट्र की स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। महाराष्ट्र की स्थिति का कोई जिक्र नहीं है।

पत्र में किया महाराष्ट्र के आंकड़ों का जिक्र देवेंद्र फडणवीस ने आगे लिखा कि अगर हम 13 मई 2021 की बात करे तो देश में कोरोना संक्रमण के 22 फ़ीसदी मरीज महाराष्ट्र से हैं, जो कई महीनों तक 30 फीसदी से अधिक रहा और आज भी महाराष्ट्र में ही सबसे मामले सामने आ रहे हैं। अगर सक्रिय मरीजों की बात करे 14 फ़ीसदी अकेले सिर्फ महाराष्ट्र से है। हम आशा करते हैं कि आप भी इस बात को समझती होंगी। महाराष्ट्र के हालात में जल्द सुधार होता है तो देश के उपलब्ध संसाधनों पर दबाव कम होगा और इस संकट का हम पूरी ताकत के साथ सामना कर सकेंगे। जैसे की आप जानती हैं कि महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं है, फिर भी केंद्र की मोदी सरकार पूरी ताकत के साथ महाराष्ट्र की जनता के साथ खड़ी है। देश भर में जो भी राहत और सहायता उपलब्ध कराई गई उसमें महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा मदद मिली है।

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उन्होंने आगे जिक्र किया कि महाराष्ट्र में सरकार और मीडिया का एक वर्ग मुंबई को ही महाराष्ट्र समझने की भूल कर रहा है। लेकिन मुंबई की परिस्थितियां देखे तो यहाँ भी टेस्ट की कमी है। कम टेस्टिंग की जा रही हैं और लोग मुंबई मॉडल को पेश कर रहे हैं। कोरोना से होने वाली मौतों को भी छुपाने का काम किया जा रहा है।