पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ ममता सरकार और केंद्र सरकार के बीच जारी टकराव के बीच पिसते नजर आ रहे बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय अब मोदी सरकार के सामने घुटने टेकते नजर आ रहे हैं। दरअसल, गुरूवार शाम को अलपन बंदोपाध्याय ने मोदी सरकार द्वारा थमाई गई कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। उन्होंने अपनी इस नोटिस में केंद्र द्वारा लगाए गए सभी आरोपों के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है।
मुख्य सचिव रह चुके अलपन ने केंद्र को भेजा जवाब
दरअसल, अलपन बंदोपाध्याय ने केंद्र सरकार द्वारा 31 मई को जारी की गई कारण बताओ नोटिस का जवाब भेज दिया है। पूर्व मुख्य सचिव ने अपने इस जवाब में कहा है कि उन्होंने वही किया जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्देश दिया। उन्होंने समीक्षा बैठक के दिन समय सीमा के साथ चीजों को स्पष्ट करते हुए जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वह उस समय मुख्यमंत्री के साथ थे और उत्तर और दक्षिण 24 परगना में हवाई सर्वेक्षण कर रहे थे। वह प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अनुमति पर दीघा गए थे।
आपको बता दें कि आपको बता दें कि मुख्य सचिव बीजेपी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार के निशाने पर तब आए थे। जब पीएम मोदी ने बंगाल में यास तूफ़ान को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी को ममता के साथ यास चक्रवात की वजह से हुए नुकसान पर चर्चा करना था। आरोप है कि इस बैठक में ममता बनर्जी अपने मुख्य के साथ 30 मिनट देरी से आई और अन्य बैठकों का हवाला देते हुए तुरंत वहां से चली गई।
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इस घटना के बाद मोदी सरकार ने मुख्य सचिव का तबादला करते हुए 1 जून को दिल्ली आने का निर्देश दिया था, लेकिन मुख्य सचिव ने सेवानिवृत्त होकर मोदी सरकार के आदेशों की अवमाना की। उधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें अपना मुख्य सलाहकार बनाए जाने की घोषणा कर दी। मोदी सरकार ने बीते दिन मुख्य सचिव के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस में अलपन बंदोपाध्याय से पूछा गया कि उनके खिलाफ क्यों ना एक्शन लिया जाए, इसका कारण तीन दिनों में बताएं।