लखनऊ । वनवासी समाज देश के अतीत की परंपराओं का वाहक है। वह धरती को माता मान कर माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या: के दिव्य भाव के साथ आज भी भारत की अरण्य संस्कृति को न केवल लेकर चल रहा है, बल्कि उसके माध्यम से वैश्विक समुदाय को नया संदेश भी दे रहा है।
सेवा समर्पण संस्थान के एकलव्य वनवास छात्रावास लोकार्पण एवं सारंग धनुर्विद्या प्रशिक्षण केंद्र शिलान्यास
अगर प्रकृति और परमात्मा के बीच में समन्वय नहीं होगा तो प्रलय जरूर आएगा। इससे बचना है तो हमें वन परंपरा के साथ जुड़ना होगा और कहीं न कहीं अरण्य संस्कृति को पुनर्जीवित और पुनर्स्थापित भी करना पड़ेगा।ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एचपीसीएल के सीएसआर फंड के सहयोग से सेवा समर्पण संस्थान के एकलव्य वनवास छात्रावास के लोकार्पण एवं सारंग धनुर्विद्या प्रशिक्षण केंद्र के शिलान्यास कार्यक्रम में कहीं।
बोले-देश के अतीत की परंपराओं का वाहक है वनवासी समाज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह बुधवार को गोरखपुर के वनटांगिया गांव में गये थे। वहां के लोगों को वर्ष 2017 में प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनने पर वास्तविक आजादी मिल पाई थी, क्योंकि डबल इंजन की सरकार ने आजादी के 70 वर्षों के बाद उनके गांव को राजस्व गांव का दर्जा दिया।
इतना ही नहीं उन्हें वोट देने का अधिकार मिला। जिन गांवों में एक भी मकान नहीं थे, उन्हें जमीन के पट्टे दिये गये। आवास की सुविधा दी गई। उन्होंने कहा कि मेरे वहां जाने पर उनके चेहरे की खुशी डबल इंजन की सरकार द्वारा उनके हितों के लिए किए गए कार्यों को बयां कर रही थी।
जनजातीय परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए बनाए जा रहे म्यूजियम
इतना ही नहीं वह भी इस समाज और व्यवस्था की मुख्य धारा के साथ जुड़कर अत्यंत प्रफुल्लित थे। सीएम योगी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं, क्योंकि उन्होंने 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की पावन जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।
आज जनजातीय परंपरा को पुनर्जीवित और संरक्षित करने के लिए जगह-जगह म्यूजियम बनाये जा रहे हैं, ताकि उन परंपराओं, धरोहरों को सुरक्षित और समय के अनुरूप आगे बढ़ाया जा सके, इसके लिए सरकार की ओर से अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। यह गौरव हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है। हमारी सरकार वन गांव को मान्यता देने के साथ उन्हें पट्टे की जमीन, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड समेत शासन की हर योजना उपलब्ध करा रही है।
वर्ष 1984 में राजधानी लखनऊ और गोरखपुर में श्री राम वनवासी छात्रावास की हुई थी स्थापना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजधानी लखनऊ के साथ गोरखपुर में श्री राम वनवासी छात्रावास की स्थापना 1984 में हुई थी। उस समय गोरखपुर के श्री राम वनवासी छात्रावास की शुरुआत गोरखनाथ मंदिर से हुई थी। पूर्वोत्तर के राज्यों में जहां पहले कोई जा नहीं सकता था।
उस समय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सानिध्य में संचालित सेवा समर्पण संस्थान के श्री राम वनवासी छात्रावास में यहां के बच्चों को लाकर भारत के साथ जोड़ करके उन्हें राष्ट्र और समाज की मुख्य धारा के साथ जोड़ा गया। उस समय उनमें राष्ट्रभक्ति का जो प्रचंड ज्वार इन्होंने पैदा किया।
आज उसका ही परिणाम है कि पूर्वोत्तर के किसी भी राज्य के बच्चों के मन में भारतीयता के प्रति अनुराग और प्यार मिलेगा। कुछ लोग उन्हें समाज और राष्ट्र की मुख्य धारा से तोड़ने वाले थे, वह बेनकाब हुए। आज पूरा पूर्वोत्तर भारत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र की मुख्य धारा के साथ जुड़ करके आत्म गौरव की अनुभूति करता है।
भारत को जोड़ने का सबसे बड़ा कार्य प्रचारकों ने किया है। उनका पूरा जीवन राष्ट्र और समाज के लिए समर्पित है। सीएम योगी ने कहा कि एचपीसीएल की तरह अन्य संस्थाओं को भी अपनी आय का दो प्रतिशत भाग इस प्रकार के सामाजिक कार्यों के लिए देना चाहिये।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, मोहनलालगंज विधायक अमरेश कुमार, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक संजीव, प्रांत प्रचारक कौशल, राजीव गोयल, जितेंद्र अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।