विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और इजरायली समाज समान चुनौतियों का सामना कर रहा है। दोनों ही चरमपंथ और आतंकवाद सहित अन्य कई भू-राजनीतिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। जयशंकर रविवार को विदेश मंत्री के तौर पर अपनी पहली पांच दिवसीय यात्रा पर इजरायल पहुंचे। भारतीय यहूदी समुदाय और भारतविदों को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने उनकी दोनों देशों की सदियों पुरानी विरासत को सहेजने में योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि समुदाय आने वाले वर्षों में दोनों देशों की निकटता को और बढ़ायेगा।

विदेश मंत्री ने कहा- इजरायल भी विविधता से भरा देश
विदेश मंत्री ने इस संबंध में एक ट्वीट कर कहा कि इजरायल में भारतीय यहूदी समुदाय से मिलकर बहुत खुशी हुई। भारत-इजरायल संबंधों को कई गुना बढ़ाने में उनके योगदान को महत्व दिया। विश्वास है कि आने वाले वर्षों में वे हमें और भी करीब लाएंगे।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इजरायल भी भारत की ही तरह विविधता भरा देश है और इसे पूरी तरह से समझने और जानने के लिए एक जीवन भी कम होगा। उन्होंने कहा कि वह पिछले कुछ वर्षों में कई बार इजरायल आए हैं और उन्होंने हर बार अनुभव किया है कि उनकी यात्रा अधूरी रही है।
जयशंकर ने कहा कि दोनों देश लोकतंत्र और बहुलतावादी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। दोनों विश्व की भलाई की इच्छा वाली सभ्यागत सोच वाले देश हैं। भारत में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (विश्व एक परिवार है) कहा जाता है और यहूदी में ‘टिक्कुन ओलम’ (विश्व को बेहतरी हो) की सोच रखते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का जोर इस बात पर है कि ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्थाओं के बीच नवाचार और व्यापार साझेदारी को विस्तार मिले।
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विदेश मंत्री ने अपनी यात्रा की शुरुआत यरुशलम के तलपियट में भारतीय समाधि स्थल का दौरा किया। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने इजरायली चैंबर्स ऑफ कॉमर्स में बिजनस समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने समुदाय से भारत में उपलब्ध अवसरों पर अधिक और व्यापार अनुकूल नीतियों का लाभ उठाने ध्यान केंद्रित करने को कहा।
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