कांग्रेस के लिए कर्नाटक में करो या मरो, पहली बार राहुल-प्रियंका के साथ सोनिया भी चुनावी मैदान में उतरीं

इस बार कर्नाटक चुनाव भारतीय जनता पार्टी ही नहीं कांग्रेस के लिए भी बेहद अहम बन गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि नेहरू-गांधी परिवार के तीन अहम सदस्य किसी राज्य में चुनाव अभियान में कूद पड़े हैं। इस दक्षिणी राज्य में पार्टी को सत्ता में लाने के लिए मतदाताओं को लुभाने का कोई मौका कांग्रेस हाईकमान नहीं छोड़ रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने कर्नाटक में बड़े पैमाने पर प्रचार किया है और सोनिया गांधी शनिवार को हुबली में एक जनसभा को संबोधित करने जा रही हैं।

कर्नाटक का नेहरू-गांधी परिवार के साथ लंबा संबंध

कर्नाटक का नेहरू-गांधी परिवार के साथ एक लंबा संबंध है और यह अतीत में उसके लिए सियासी वापसी वाली जगह रही है। इंदिरा गांधी ने 1978 में एक उपचुनाव में कर्नाटक के चिकमंगलूर से राजनीतिक वापसी की थी। सोनिया गांधी ने अपने पहले चुनाव में राज्य के बेल्लारी से चुनाव लड़ा था और वह अमेठी से भी मैदान में थीं। कर्नाटक कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की वापसी के रास्ते खोल सकता है। अगर बीजेपी कर्नाटक में हार जाती है तो पार्टी किसी भी दक्षिणी राज्य में सत्ता में नहीं होगी और यह उसके लिए एक बड़ा झटका होगा।

कांग्रेस को कर्नाटक में उम्मीदें

राहुल गांधी को एक आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने, लोकसभा से अयोग्य घोषित किए जाने और 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली हार के बाद कांग्रेस को कर्नाटक में काफी उम्मीदें हैं। यहां उसके पास मजबूत राज्य नेतृत्व है। पार्टी को लगता है कि कर्नाटक में जीत से उसे 2024 के आम चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने और विपक्षी एकता को धार देने में मदद मिलेगी।

राहुल-प्रियंका कर चुके हैं 30 रैलियां

राहुल गांधी अब तक कर्नाटक में 17 रैलियां और रोड शो कर चुके हैं, जबकि उनकी बहन प्रियंका गांधी 19 रैलियां कर चुकी हैं। अगले चार दिनों में भी 10 मई को होने वाले मतदान के लिए प्रचार इसी गति से जारी रहेगा। राहुल-प्रियंका के रोड शो और रैलियों के अलावा राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं। सोनिया गांधी का कर्नाटक में जाना इस लिहाज से अहम है कि हाल के दिनों में उन्होंने किसी भी राज्य के चुनाव में प्रचार नहीं किया है।

2019 के बाद सोनिया की पहली रैली

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने 2019 के लोकसभा चुनाव में आखिरी चुनावी रैली अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में की थी। उन्होंने 14 दिसंबर, 2019 को दिल्ली के रामलीला मैदान में भारत बचाओ रैली में भाषण दिया था। हुबली के आसपास के क्षेत्र को कर्नाटक में हिंदुत्व राजनीति की प्रयोगशाला के रूप में देखा जाता है और कांग्रेस ने सोनिया गांधी की रैली के लिए इस स्थान को चुना है। गांधी परिवार के सदस्यों के अलावा कर्नाटक से संबंध रखने वाले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पिछले 20 दिनों से राज्य में चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें: भारतीय सेना ने कहा- ‘हालात पूरी तरह काबू में, स्थिति सामान्य करने की कोशिशें जारी’

पहली बार तीनों नेता एक साथ

पार्टी के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला प्रवक्ताओं की फौज के साथ पिछले दो महीने से यहां डेरा डाले हुए हैं। जबकि प्रियंका गांधी ने राजनीति में औपचारिक प्रवेश से पहले उत्तर प्रदेश में अपनी मां और भाई के निर्वाचन क्षेत्रों में प्रचार किया था, यह पहली बार है कि नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्य कांग्रेस के चुनावी अभियान का हिस्सा होंगे। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 10 मई को एक ही चरण में होंगे, जिसकी मतगणना 13 मई को होनी है।