सिक्किम में आई बाढ़ में 7 सैनिकों समेत कम से कम 21 लोग अब तक मारे जा चुके हैं। गौरतलब है कि इस बाढ़ में भारतीय सेना के 23 जवान भी लापता हो गया थे। फिलहाल अभी भी 15 जवानों की तलाश हो रही है। इस बीच, भारतीय सेना उत्तरी सिक्किम में फंसे नागरिकों और पर्यटकों को भोजन, चिकित्सा सहायता और संचार सुविधा प्रदान कर रही है। बाढ़ के बाद सड़कें और अन्य जगह पर गाद भर गए हैं। उनको भी साफ करने का काम चल रहा है। अगर मौसम ने साथ दिया तो फंसे हुए पर्यटकों का निकालने का काम शुरू किया जा सकता है।
गुवाहाटी में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह रावत ने बताया कि भारतीय सेना के लापता जवानों की तलाश की जा रही है। तलाशी का ध्यान तीस्ता बैराज के निचले क्षेत्रों में केंद्रित है। सिंगताम के पास बुरडांग में घटना स्थल पर सेना के वाहनों को खोदकर निकाला जा रहा है। खोज अभियान में मदद के लिए TMR (तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू), ट्रैकर कुत्तों, विशेष रॉडार की टीमों के अलावा अतिरिक्त संसाधन लाए गए हैं।
इस बीच, त्रिशक्ति कोर भारतीय सेना के जवान लाचेन/चाटन, लाचुंग और चुंगथांग के क्षेत्रों में मौजूद 1471 पर्यटकों का पता लगाया है। आशंका जताई जा रही है कि अगर आज 6 अक्टूबर यानी की शुक्रवार को मौसम में सुधार होता है तो हेलीकॉप्टरों की मदद से फंसे हुए पर्यटकों को निकालने का काम शुरू किया जाएगा। इसकी योजना राज्य सरकार, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के माध्यम से संयुक्त रूप से बनाई जा रही है।
आपको बता दे, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने भी बाढ़ में मरने वालों की जानकारी देते हुए कहा कि सभी जवानों के नाम उनको याद नहीं हैं। लेकिन 7 जवानों के शव बरामद कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव का कार्य तेजी से जारी है। हालांकि अभी तक भारतीय सेना ने 7 जवानों के बलिदान होने की कोई पुष्टि नहीं की है।