नालों के पानी से लहलहाएंगी किसानों की फसलें

राज्य में बहने वाले नालों के पानी से अब किसानों की फसलें लहलहाएंगी। राज्य सरकार जल्द इस योजना को जमीन पर उतारने की तैयारी कर रही है। नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव व अन्य अधिकारियों के साथ शनिवार को विभाग की समीक्षा बैठक में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने इंजीनियरों को इस तरह का खाका तैयार करने के निर्देश दिये। जलशक्ति मंत्री का जोर नालों के पानी को नदियों में गिरने से रोकने और नाले के पानी का सिंचाई में इस्तेमाल किए जाने पर है।

जलशक्ति मंत्री ने कहा है कि इस योजना के निर्माण से न केवल नदियों में गिरने वाले नालों को रोका जा सकेगा बल्कि कृषि के लिए कम लागत में सिंचाई की व्यवस्था भी होगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से प्रयोग के तौर पर इस योजना का खाका तैयार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि नालों के आसपास की कृषि भूमि को सिंचाई के लिए जल मिलने से सिंचाई में खर्च होने वाले जल का भी संरक्षण हो सकेगा। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में बहने वाले 848 नालों की मॉनीटरिंग के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा है कि प्रत्येक नालों की निगरानी के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाई जाए। कमेटी में नालों के आसपास रहने वाले लोग और समाज से जुड़े लोग सदस्य बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे विभाग राज्य में संचालित सभी एसटीपी संचालन की जांच भी करेगा।

समीक्षा बैठक में नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने चेतावनी देते हुए इंजीनिरयरों से कहा कि नदियों में सीवर सीधे पहुंचा तो उनपर सख्त और बड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने इंजीनियरों को निर्देश दिये कि जल संरक्षण और जल संवर्द्धन की दिशा में नए-नए प्रयोग करने से कतराएं नहीं। बेहतर काम करने वाले इंजीनियरों को विभाग सम्मानित भी करेगा। उन्होंने इसी महीने से गंगा की सीसीटीवी से निगरानी की योजना को जमीन पर उतारने और हर एसटीपी की कंट्रोल रूम से 24 घंटे निगरानी के भी निर्देश दिये हैं। समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में नमामि गंगे की संचालित परियोजनाओं से नदियों की स्वच्छता में अभूतपूर्व परिर्वतन आए हैं। समीक्षा बैठक में जल निगम के एमडी बलकार सिंह और राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अधिशासी निदेशक प्रिय रंजन कुमार समेत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।