पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर जमकर निकाली भड़ास, कहा- गठबंधन कर बर्बाद हो गया

दो साल पहले वर्ष 2018 में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर जनता दल सेकुलर के नेता एचडी कुमारस्वामी कार्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन अब उन्हें कांग्रेस का वह साथ काफी खल रहा है। दरअसल, बीते शनिवार को एचडी कुमारस्वामी ने मीडिया से बात करते हुए अपना दुःख बताया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर वह बीजेपी के साथ होते तो अभी तक मुख्यमंत्री बने रहते, लेकिन कांग्रेस के साथ गठबंधन कर जो कुछ कमाया था वो सब खत्म हो गया।

कांग्रेस पर लगाए कई आरोप

मैसूर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि मैं अभी भी मुख्यमंत्री होता अगर बीजेपी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता। मैंने 2006-2007 में और 12 साल की अवधि में जो कुछ भी मैंने हासिल किया था, उसे मैंने कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करके खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि मैंने 2006-07 में (बतौर मुख्यमंत्री) राज्य की जनता का जो भरोसा हासिल किया था और उसे अगले 12 साल तक बनाए भी रखा, लेकिन कांग्रेस से हाथ मिलाकर हमने उसे खो दिया।

कुमारस्वामी ने कहा कि 2018 में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बाद, सिद्धारमैया और उनके गुट ने मेरी प्रतिष्ठा को नष्ट कर दिया। मैं सिर्फ उनके जाल में फंसता चला गया, क्योंकि मैं देवेगौड़ा के कारण गठबंधन के लिए सहमत था। उन्होंने साफ किया कि इसके लिए वह देवगौड़ा को दोष नहीं दे रहे हैं क्योंकि वह धर्मनिरपेक्ष पहचान के प्रति अपने पिता की आजीवन प्रतिबद्धता को समझते और उसका सम्मान करते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 2018 में मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने सिर्फ एक महीने तब आँसू क्यों बहाए? मुझे पता था कि क्या चल रहा है। बीजेपी ने 2008 में मेरा उतना नुकसान नहीं किया, जिस तरह से कांग्रेस ने 2018 में किया।

2 साल पहले 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जब किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस और जनता दल (एस) ने मिलकर सरकार बनाई थी और एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया गया।

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आपको बता दें कि 2018 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और जनता दल सेकुलर ने गठबंधन कर सूबे की सत्ता पर कब्जा जमाया था। इन दोनों दलों ने साथ मिलकर लोकसभा चुनाव-2019 भी लड़ा, लेकिन इसके बाद गठबंधन में आंतरिक मतभेद गहरा गया और कुछ विधायकों की बगावत के चलते गठबंधन सरकार का पतन हो गया।