लाठियां तो दंगाइयों पर चली, लेकिन दर्द अखिलेश यादव को हुआ

पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी मामले में बीते शुक्रवार को देश के विभिन्न शहरों में उग्र प्रदर्शन हुए। लेकिन एक तरफ झारखंड है जहां 3 लोगों की मौत के बाद भी अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जहां कांग्रेस पार्टी सत्ता में है, वहीं योगी आदित्यनाथ की सरकार में उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है, उसकी देशभर में तारीफ की जा रही है। ताजा मामला लखनऊ का है जहां पुलिस लॉकअप में दंगाइयों को सबक सीखा रही है। हिंसा फैलाने, सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने, धार्मिक उन्माद फैलाने वालों को डंडे मारे जा रहे हैं। यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। भाजपा ने इसे दंगाइयों को यूपी पुलिस का रिटर्न गिफ्ट करार दिया है, वहीं अखिलेश यादव खुश नहीं हैं।

https://twitter.com/yadavakhilesh/status/1535656161563000832

उत्तर प्रदेश के पुलिसकर्मियों द्वारा लॉक-अप में लाठियों से पीटने को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ‘हिरासत में यातना’ करार दिया है। इस वीडियो ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में दो पुलिसकर्मियों को कुछ लोगों की पिटाई करते देखा जा सकता है, जो कथित तौर पर प्रदर्शनकारी हैं, जिन्होंने हिंसा को भड़काया और उपद्रव मचाया। हालांकि, इस वीडियो से ये साफ नहीं हो पाया है कि घटना किसी थाने की है।

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उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने घटना का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया और इसे ‘दंगाइयों के लिए रिटर्न गिफ्ट’ करार दिया। त्रिपाठी पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार रह चुके हैं। वहीं अखिलेश यादव ने ऐसी कार्रवाई पर आपत्ति ली। समाजवादी पार्टी के मुखिया ने ट्वीट किया,’ उठने चाहिए ऐसी हवालात पर सवालात, नहीं तो इंसाफ़ खो देगा अपना इक़बाल, यूपी हिरासत में मौतों के मामले में न. 1, यूपी मानवाधिकार हनन में अव्वल, यूपी दलित उत्पीड़न में सबसे आगे।