गायत्री प्रजापति के ठिकानों पर ईडी का छापा, अखिलेश यादव पर भी गिर सकती है गाज

सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति दुष्कर्म एवं अन्य मामलों के आरोपों में जेल में बंद है। इन्ही मामलों की जांच के चलते पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके ड्राईवर रामराज उर्फ छोटू के अमेठी स्थित घर में बुधवार सुबह ईडी ने छापेमारी की। इलाहाबाद से पहुंची प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने गायत्री प्रजापति से जुड़े दोनों स्थानों लखनऊ और अमेठी पर स्थानीय पुलिस टीम के साथ छापा मारा।

अवैध खनन मामले के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के लखनऊ और अमेठी में गायत्री प्रसाद प्रजापति के परिवार के सदस्यों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली जा रही है। इसके अलावा लखनऊ में विभूतिखंड में ओमेक्स में गायत्री के बेटे अनिल प्रजापति के आफिस में भी ईडी ने छापेमारी की है।

बताया जा रहा है कि पूर्व खनन मंत्री के लखनऊ, कानपुर और अमेठी में सात ठिकानों पर ईडी की जांच चल रही है। बुधवार सुबह करीब 5:00 बजे जिला मुख्यालय पहुंची ईडी की टीम दोनों स्थानों पर रवाना हुई। 7:00 बजे ईडी की टीम ने आवास विकास स्थित गायत्री प्रजापति के निजी आवास एवं चालक रामराज के घर में छापेमारी की। छापेमारी करने वाली इस टीम में करीब आधा दर्जन ईडी के अधिकारी व कर्मचारी तथा स्थानीय पुलिस फोर्स हैं।

गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में गायत्री का बड़ा बेटा अनिल भी जेल में बंद है। बताया जाता है कि चालक रामराज उर्फ छोटू के पास भी 200 करोड़ की प्रापर्टी है। घर के अंदर ईडी की टीम सभी दस्तावेज खंगाल रही है। घर के अंदर नौकर मौजूद है।

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बता दें कि कोर्ट के आदेश पर अवैध खनन मामलें की जांच सीबीआई कर रही है, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी सन्देह के घेरे में है। अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 2012 से 2013 तक राज्य के खनन मंत्री रहे हैं। 2012 से 2016 के बीच अवैध खनन हुआ था। जांच एजेंसियों का मानना है कि सभी पट्टों को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मंजूरी थी। 5 लाख रुपये और उससे अधिक के सभी पट्टों को नियमानुसार सीएम कार्यालय से उचित अनुमोदन प्राप्त करना था। 

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गौरतलब है कि 2012 और 2016 के बीच यूपी सरकार द्वारा कुल 22 निविदाएं पारित की गई थीं। इनमें से 14, 2012 और 2013 के बीच अखिलेश यादव के कार्यकाल में पारित हुई, सूत्रों के अनुसार, 22 में से 14 पट्टा उल्लंघन तब हुआ जब गायत्री प्रजापति खनन राज्य मंत्री और अखिलेश खनन मंत्री थे।