यूपी में घातक हुआ डेंगू, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट, कानपुर-मुरादाबाद में इतने लोगों की मौत

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ ने यूपी की राजधानी में डेंगू ( Dengue Virus) के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग, लखनऊ नगर निगम, अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि वे डेंगू, चिकनगुनिया (Chikungunya) और वायरल बुखार जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों से अवगत कराएं। वहीं प्रदेश के कई जिलों में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। साथ ही प्लेटलेट्स (Dengue and Platelet) का संकट भी नजर आने लगा है। प्रशासन भी जिलों में फॉगिंग से लेकर तमाम कोशिशों के जरिए डेंगू के प्रकोप को कम करने की कवायद में जुटा है। वहीं कानपुर और मुरादाबाद में डेंगू और वायरल संक्रमण (Viral Fever) की चपेट में आने से 7 लोगों की मौत होने की खबर भी सामने आई है।

जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ आशीष कुमार मिश्रा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि प्रशासन का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता से सवाल किया। बताएं कि वेक्टर जनित रोगों के प्रसार को रोकने और मरीजों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य व नगरपालिका के अधिकारी क्या कदम उठा रहे हैं। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट बार काउंसिल के सदस्यों ने लखनऊ शहर में फैल रहे वेक्टर जनित रोगों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है। साथ ही अदालत को बताया है कि प्रदेश के अस्पतालों की स्थिति गंभीर है। अदालत ने लखनऊ पीठ में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले देश के उप सॉलिसिटर जनरल एस.बी. पांडेय को निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि वे वेक्टर जनिज मरीजों के इलाज के लिए केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के सर्वोच्च अधिकारी और लखनऊ में रेलवे अस्पताल प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों से भी अवगत कराएं।

40 नए डेंगू के मरीज, एंटी लार्वा का छिड़काव तेज

लखनऊ में गुरुवार को डेंगू के 40 नए मरीज चिह्नित किए गए। इसके साथ ही घरों में मच्छर के लार्वा मिलने पर 8 लोगों को नोटिस जारी किया गया। चंदरनगर सीएचसी क्षेत्र में 9, अलीगंज और एनके रोड में 4-4, टूडियागंज, इंदिरानगर, चिनहट, रेडक्रॉस, सिल्वर जुबली, सरोजनीनगर और मोहनलालगंज में 3-3 जबकि मलिहाबाद में 2 मरीज चिह्नित किए गए हैं। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया की डेंगू पर लगाम के लिए कोरोना के दौरान कंटेनमेंट जोन सरीखे मॉडल पर काम शुरू कर दिया गया है। मरीज मिलने पर आसपास रहने वालों की जांच के साथ ही फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव करवाया जा रहा है। इसके साथ ही जलभराव नहीं होने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है।

कई जिलों में प्लेटलेट्स का भी संकट

प्रदेश में डेंगू का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसके साथ ही मलेरिया और वायरल फीवर भी फैला है। अस्पताल जहां मरीजों से भरे हुए हैं, वहीं डेंगू के मरीजों के लिए प्लेटलेट्स के लिए तीमारदार इधर से उधर भटक रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) सहित अन्‍य सभी ब्‍लड बैंकों में सुबह से ही कतार लग रही है। स्थिति का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि वाराणसी समेत कई जिलों में प्‍लेटलेट्स के लिए वेटिंग लिस्‍ट जारी की गई है। वाराणसी के आईएमए ब्‍लड बैंक में तो प्‍लेटलेट्स के लिए वेटिंग दो सौ तक पहुंच गई है।

वाराणसी में डेंगू के 244 मरीज मिले

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के ही आंकड़ों पर गौर करें तो वाराणसी में अभी तक डेंगू के 244 मरीज मिल चुके हैं। रोजाना पांच-छह नए मरीज सामने आ रहे हैं। 68 मरीजों में मलेरिया की पुष्टि हुई है। वहीं, अब तक दस हजार से ज्‍यादा मरीजों में वायरल और दूसरे तरह के बुखार रिपोर्ट किए गए हैं। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि प्‍लेटलेट्स को लेकर शहर में अंधी दौड़ चल रही है। डेंगू न होने पर भी वायरल व अन्‍य फीवर के चलते प्‍लेटलेट्स काउंट कम होने की स्थिति में प्‍लेटलेट्स चढ़ाया जाना सरकार और डब्‍ल्‍यूएचओ की गाइडलाइन का उल्‍लंघन है। ऐसे में किसी मरीज को कोई नुकसान होगा तो उस अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ का दावा है कि डेंगू मरीजों के लिए जिले के सभी अस्पतालों में पर्याप्‍त बेड उपलब्‍ध हैं। किसी मरीज को गांव से चलकर शहर में आने की जरूरत नहीं है। ग्रामीण इलाके के प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों पर ही इलाज हो जाएगा।

कौशांबी में 90 लोग को डेंगू

कौशांबी में डेंगू बेकाबू हो चुका है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 90 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। उनका इलाज किया जा रहा है। इनमें सात की हालत नाजुक बताई जा रही है। बढ़ते प्रकोप से लोगों में दहशत है। स्वास्थ्य विभाग जगह-जगह फागिंग और बचाव के इंतजाम किए जाने का दावा कर रहा है। सीएमओ के मुताबिक जिले में एक भी व्यक्ति की मौत डेंगू से नहीं हुई है।

कानपुर में वायरल संक्रमण से दो की मौत

कानपुर में डेंगू का डंक और वायरल फीवर जानलेवा हो गया है। वायरल संक्रमण से दो की मौत हो गई है। यहां डेंगू के 35 मरीज मिले है। डॉक्टरों का मानना है कि डेंगू से ज्यादा वायरल संक्रमण घातक साबित हो रहा है। बीते गुरूवार को हैलट की विभिन्न ओपीडी में विभागों में लगभग 4000 पेशेंट आए, जिसमें से 200 पेशेंट बुखार के रहे और इमरेजेंसी में 180 पेशेंट पहुंचे। वायरल फीवर जुकाम, खांसी से शुरूआत हो रही है। फीवर आने पर मरीजों को ब्लड प्रेशर लो रहा है, जिसकी वजह से स्थ्ति बिगड़ रही है।

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मुरादाबाद में भी 5 मरीजों की मौत

मुरादाबाद में डेंगू के 29 नए केस मिले है और जिले में अब तक मरीजों की संख्या 136 पहुंच गई है। जिला अस्पताल में एक दिन में 500 से अधिक बुखार के रोगी पहुंचे। अब तक डेंगू बुखार से 5 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं जिले में लगातार डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।