शिमला: हिमाचल प्रदेश में मंगलवार (27 फरवरी) को राज्यसभा की एक सीट के लिए मतदान हुआ। इसमें कांग्रेस के विधायकों के जमकर क्रॉस वोटिंग करने की अटकलें सामने आईं। इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली सरकार खतरे में आ गई। हिमाचल में कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों के भारतीय जनता पार्टी के हक में क्रॉस वोटिंग करने की चर्चा है।
हिमाचल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस तरह से गिनती शुरू हो गई है और विपक्षी नेता बार-बार मतदान अधिकारियों को धमकी दे रहे हैं, वह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। उन्होंने लंबे समय तक गिनती रोक दी थी। मैं हिमाचल बीजेपी इकाई से आग्रह करता हूं नेता, धैर्य रखें और लोगों पर दबाव न डालें।
सीएम सुक्खू ने लगाया ये आरोप
सीएम सुखविंदर ने आरोप लगाते हुए कहा कि CRPF और हरियाणा पुलिस का काफिला 5-6 विधायकों को ले गया है। मैं कह सकता हूं कि जो लोग चले गए हैं, उनके परिवार वाले उनसे संपर्क कर रहे हैं। मैं उनसे संपर्क करने का आग्रह करता हूं उनके परिवारों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
कांग्रेसी विधायकों में सुजानपुर के राजेंद्र राणा, कुटलैहड़ के देवेंद्र भुट्टो, धर्मशाला के सुधीर शर्मा, बड़सर के आईडी लखनपाल, गगरेट के चैतन्य शर्मा और लाहौल-स्पीति के रवि ठाकुर का नाम आ रहा है। ये सभी वोटिंग से पहले सुबह एक ही गाड़ी में विधानसभा पहुंचे। विधानसभा के बाहर गाड़ी से उतरते ही इनसे बीजेपी विधायक बिक्रम ठाकुर और राकेश जम्वाल मिले।
ये विधायक किसी के संपर्क में नहीं
ये वोटिंग के बाद शिमला से निकल गए और अब किसी के संपर्क में नहीं हैं। इसको लेकर कांग्रेस सरकार में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। तीन निर्दलीय विधायकों हमीरपुर के आशीष शर्मा, नालागढ़ के केएल ठाकुर और देहरा के होशियार सिंह के भी बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट देने की बात कही जा रही है।
वहीं, इन सभी 9 विधायकों को सीआरपीएफ की सिक्योरिटी दी जा रही है। इसके लिए इनकी सीआरपीएफ की तीन बसें शिमला पहुंच चुकी हैं। राज्यसभा चुनाव में सभी 68 विधायकों ने वोट डाला और काउंटिंग शुरू हुई तो बीजेपी ने विरोध जताया। इसके बाद फिलहाल काउंटिंग रोक दी गई है।