लाल किला हिंसा के आरोपी को अदालत ने दी बड़ी राहत, दिल्ली पुलिस को लगा तगड़ा झटका

दिल्ली के रोहिणी कोर्ट ने 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा के मामले के आरोपित लखबीर सिंह उर्फ लक्खा सिधाना के खिलाफ दर्ज एक दूसरे मामले में गिरफ्तारी पर लगी रोक 9 अगस्त तक बढ़ा दी है। एडिशनल सेशंस जज स्मिता गर्ग ने ये आदेश दिया।

लाल किला हिंसा के आरोपी लक्खा को लेकर अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला

कोर्ट ने पिछले 29 जून को लक्खा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने लक्खा को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था। लक्खा पर लाल किले पर हिंसा के दौरान बाहरी दिल्ली की सड़क को जाम करने और बैरिकेड को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

लक्खा पर आरोप है कि उसने पुलिस के आग्रह को भी नहीं माना और वो पुलिस अधिकारियों के शासकीय काम में बाधा डाल रहा था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने लक्खा को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया। इसके पहले पिछले 26 जून को लालकिले पर हुई हिंसा के मामले में तीस हजारी कोर्ट लक्खा की गिरफ्तारी पर रोक लगा चुका है। लालकिले पर हिंसा के मामले में लक्खा वांछित है। लक्खा पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने पिछले 19 जून को 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। चार्जशीट में कहा गया है कि 26 जनवरी को लाल किले पर कब्जे की साजिश रची गई थी और लाल किले को विरोध प्रदर्शन का केंद्र बनाने की योजना थी। चार्जशीट में कहा गया है कि गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा फैलाने को सोची-समझी साजिश थी। इस हिंसा के जरिये केंद्र सरकार को बदनाम करने की योजना बनाई गई थी।

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दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी, एंशिएंट मानुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साईट्स एंड रिमेंस एक्ट, एपिडेमिक डिसीज एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं।

कोर्ट ने उन आरोपों पर संज्ञान नहीं लिया जिनमें अभी अनुमति नहीं ली गई थी। जिन मामलों में अनुमति नहीं ली गई थी उमें आर्म्स एक्ट, एपिडेमिक एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के कुछ आरोप शामिल हैं। पिछले 17 जून को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल की थी।