देश के टॉप इंजीनियरों को सौंपा गया श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य, तैयार है प्लान

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तैयारियां जोरों पर है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। बैठक में अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के लिए नींव डिजाइन की समीक्षा और सिफारिशों के लिए संबंधित क्षेत्र के इंजीनियरों की एक उप समिति का गठन किया गया। बता दें कि देश के टॉप इंजीनियरों को सौंपा गया श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य, तैयार है प्लान।

देश के टॉप इंजीनियर करेंगे श्री राम मंदिर निर्माण, समिति 15 दिसंबर को सौंपेगी रिपोर्ट

राम मंदिर निर्माण को लेकर बनाई गई इस समिति में देश के टॉप इंजीनियरों को रखा गया है। यह समिति मंदिर निर्माण को लेकर 15 दिसंबर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस समिति का उद्देश्य विभिन्न भू-तकनीकी सुझावों को ध्यान में रखते हुए उच्चतम गुणवत्ता और दीर्घायु के साथ मंदिर का निर्माण करना है। बता दें कि देश के टॉप इंजीनियरों को सौंपा गया श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य, तैयार है प्लान।

इस मंदिर निर्माण विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष आईआईटी दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो. वीएस राजू, कन्वेयर प्रो. एन गोपलाकृष्णन (निदेशक, सीबीआरआई, रुड़की), सदस्य – प्रो.एसआर गांधी (निदेशक, एनआईटी, सूरत), प्रो. टीजी सीताराम (निदेशक, आईआईटी, गुवाहाटी), प्रो. बी. भट्टाचार्जी एमेरिटस (प्रोफेसर, आईआईटी, दिल्ली), एपी मुल (सलाहकार टीसीई), प्रो. मनु संथानम (आईआईटी, मद्रास) और प्रो. प्रदीपता बनर्जी (आईआईटी, मुंबई) हैं। बता दें कि देश के टॉप इंजीनियरों को सौंपा गया श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य, तैयार है प्लान।

राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने किया ट्वीट

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने किया ट्वीट। ट्वीट कर राम मंदिर निर्माण के बारे में जानकारी दी। लार्सन एंड टूब्रो कंपनी को दिया गया है राम मंदिर निर्माण का कार्य। सलाहकार के रूप में टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर को दी गई है जिम्मेदारी। संपूर्ण मंदिर पत्थरों से बनेगा। मंदिर तीन मंजिला होगा । प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई होगी 20 फ़ीट। मंदिर की लंबाई 360 फीट। चौड़ाई 235 फीट होगी। भूतल से 16.5 फीट ऊंचा होगा मंदिर का फर्श। भूतल से गर्भ गृह के शिखर की ऊंचाई 161 फीट होगी धरती के नीचे 200 फीट गहराई तक मृदा परीक्षण व भविष्य के लिए संभावित भूकंप के प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है। बता दें कि देश के टॉप इंजीनियरों को सौंपा गया श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य, तैयार है प्लान।

जमीन के नीचे 200 फ़ीट तक भुरभुरी बालू पाई गई है। गर्भ गृह के पश्चिम में कुछ दूरी पर सरयू नदी का प्रवाह है। इस भौगोलिक परिस्थितियों में 1000 वर्षों के आयु वाले पत्थरो के मंदिर का भार सहन कर सकने वाली मजबूत और टिकाऊ नीव की  ड्राइंग पर आईआईटी मुंबई आईआईटी दिल्ली आईआईटी चेन्नई आईआईटी गुवाहाटी व केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के इंजीनियर आपस में कर रहे परामर्श। शीघ्र ही नीव का प्रारूप तैयार जल्द ही निर्माण कार्य होगा प्रारंभ।

श्री राम जन्म भूमि मंदिर की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराने के लिए देश के प्रत्येक राज्य के कोने कोने में घर-घर जाकर करेंगे संपर्क। करोड़ों घरों में भगवान के मन्दिर चित्र पहुंचेगा। जनसंपर्क का कार्य मकर संक्रांति से होगा प्रारंभ। बता दें कि देश के टॉप इंजीनियरों को सौंपा गया श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य, तैयार है प्लान।