कांग्रेस ने एलआईसी आईपीओ को लेकर सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस ने सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के शेयर भाव को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 30 करोड़ पॉलिसी धारकों के भरोसे की कीमत को औने-पौने दाम पर बेचा जा रहा है।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार एलआईसी को भी बेचने पर तुली है। इससे एलआईसी के 30 करोड़ पॉलिसी धारकों के भरोसे पर चोट पहुंचने का खतरा है। एलआईसी पर सबको भरोसा है। इसलिए इसकी हिस्सेदारी औने-पौने दाम पर बेचना उचित नहीं है।

सुरजेवाला ने कहा कि एलआईसी के निर्गम की कीमत बहुत कम रखी गई है। उन्होंने कहा कि बीते फरवरी महीने में सरकार ने एलआईसी की कीमत 12-14 लाख करोड़ आंकी थी लेकिन केवल दो महीनों में इसे घटाकर छह लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस मुद्दे पर केंद्र को सफाई देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीते जनवरी-फरवरी में एलआईसी के निर्गम के लिए मूल्य दायरा 1100 रुपये प्रति शेयर रखा गया था जबकि अचानक इसे कम करके 902 से 949 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि जानकारों का मानना है कि मूल्यांकन कम करने और कीमत दायरा घटाने से सरकारी खजाने को 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। सरकार ऐसा क्यों कर रही है उन्हें बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कंपनी दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। देश के 30 करोड़ लोग सीधे तौर पर इससे जुड़े हैं। कंपनी के पास 39 लाख 60 हजार करोड़ की सम्पत्ति है। कंपनी ने 13 लाख 94 हजार परिवारों को रोजगार दे रखा है। जिसमें से 12 लाख 80 हजार लोग एजेंट के तौर पर जुड़े हैं। वहीं एक लाख 14 हजार कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में एलआईसी के 03 हजार 05 सौ 42 दफ्तर हैं।

सुरजेवाला ने कहा कि एलआईसी को वर्ष 1956 में पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और कांग्रेस ने संजोया था जो इस देश की संपत्ति है। एलआईसी का नारा है कि ‘जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी’ तो वह मोदी सरकार से पूछना चाहते हैं कि इस कंपनी को बेचने की इतनी जल्दबाजी क्यों हैं ?