पंजाब की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को इन दिनों अपने ही विधायकों के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है । अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में फूट पड़ती नजर आ रही है। अगर इस वक्त पंजाब कांग्रेस में यह फूट हुई तो इसका असर अगले वर्ष होने वाले विधानसभा पर भी पड़ेगा। इसी वजह से इस मामले को सुलझाने के लिए अब कांग्रेस हाईकमान ने बड़ा कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने सूबे के सभी मंत्रियों और विधायकों को दिल्ली बुलाया है।
कांग्रेस पर मंडरा रहा बड़ा खतरा
मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस हाईकमान ने इस मामले को सुलझाने के लिए तीन सदस्यों वाला एक पैना बनाया है। इस पैनल की अगुवाई हरीश रावत कर रहे हैं। उनके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे और जेपी अग्रवाल भी इसमें हैं। सोमवार से पंजाब कांग्रेस के विधायकों, मंत्रियों से मिलने का सिलसिला शुरू होगा।
कांग्रेस के करीब दो दर्जन विधायक जिसमें प्रदेश अध्यक्ष सुनील झाखड़, मंत्री चरणजीत चन्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा भी शामिल हैं, वो सभी दिल्ली पहुंच गए हैं। चुनाव में कांग्रेस द्वारा किए गए वादों को पूरा ना करने के आरोप के बाद कांग्रेस विधायकों ने अपनी सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया था। यही दो दर्जन विधायक लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर सवाल करते आए हैं।
सोमवार की बैठक में दो दर्जन विधायकों के अलावा चरणजीत सिंह चन्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा भी पैनल से मिलेंगे। फिर मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू, परगट सिंह पैनल से मुलाकात करेंगे। कैप्टन अमरिंदर कैंप के माने जाने वाले मनप्रीत बादल, साधु सिंह भी दिल्ली में हैं और पैनल से मुलाकात करेंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह इसी हफ्ते के आखिर यानी शुक्रवार को पैनल से मुलाकात करने दिल्ली आ सकते हैं।
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गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस में लोकसभा चुनावों के बाद से ही अनबन की खबरें आ रही हैं। नवजोत सिंह सिद्धू लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, जबकि संगठन के कई नेताओं ने भी कैप्टन की सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में अगले साल जब राज्य में चुनाव होने हैं तब उससे पहले ही कांग्रेस आलाकमान डैमेज कंट्रोल में जुटा है।