यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ज्ञान जहां से भी आए, उसके लिए द्वार खुला रखें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को हायर एजुकेशन कॉन्क्लेव में शामिल हुए। सीएम ने कॉन्क्लेव से ठोस परिणाम आने की भी उम्मीद जताई। कहा कि भारत ने वैश्विक मंच पर दुनिया को जो नेतृत्व दिया है, उसमें जिस क्षेत्र को हम विस्मृत कर देते हैं, वह शिक्षा का क्षेत्र है। इसमें भारत विश्व गुरु के रूप में प्रतिष्ठित था और यूपी उसकी आधार भूमि थी। सीएम ने कहा कि भारतीय मनीषा ने जब उद्घोष किया होगा कि आनो भद्रा क्रतवो यन्तु विश्वत, वह प्रेरणा थी कि ज्ञान जहां से भी आए, उसके लिए द्वार खुला रखो। 2020 में जब दुनिया कोरोना से त्रस्त थी, तब भी इस बात का अहसास आया होगा। उस समय पीएम मोदी ने देश को राष्ट्रीय शिक्षा नीति देकर पुरातन शिक्षा के क्षेत्र में विश्व गुरु होने के अहसास को प्रस्तुत किया। यूपी जैसे राज्यों में इस कॉन्क्लेव से ऐसे कार्यक्रम को भी बढ़ा सकते हैं।
सीएम ने कहा कि हम समाज की जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते। मंत्री हो या आमजन, सबके लिए एक ही एक्ट व व्यवस्था है। हमारे पास अच्छा इंफ्रास्ट्रक्च र, फैकल्टी, डिजिटल लाइब्रेरी हो और अच्छा माहौल विश्वविद्यालय को दें, लेकिन ध्यान रखें कि भारतीय मूल्यों व आदशरें से भटकाव की नौबत न आए। ध्यान रहना चाहिए कि ऐसे कोई कार्य न हो कि कैंपस में राष्ट्रीयता से विपरीत नई धारा को जन्म मिले।
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बताया कि जीआईएस में केवल शिक्षा के ही 1 लाख 57 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। नए विश्वविद्यालय व शिक्षा के केंद्र मॉडल के रूप में स्थापित होंगे। सीएम ने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्लायों के कैंपस स्थापित करने की स्वतंत्रता दे रही है, पर क्या हम इसके लिए तैयार हो पाए हैं। हमें नया माहौल देना होगा। हमने शोध की प्रक्रिया को बाधित क्यों किया। डाक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया की बाधा को हटाना पड़ेगा। इस दिशा में नए सिरे से काम करना होगा। इनोवेशन के लिए युवाओं को प्रेरित करना होगा।