भवानीपुर उपचुनाव पर छाए संकट के बादल, दिलीप घोष ने चुनाव आयोग से की बड़ी मांग

पश्चिम बंगाल में होने वाले उपचुनाव के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद चुनाव आयोग काफी सख्त नजर आ रहा है। एक तरफ चुनाव ने इस हिंसक घटना को लेकर सूबे की सत्तारूढ़ ममता बनर्जी से सरकार से रिपोर्ट मांगी है। वहीं बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस पर खुद को जान से मारने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से एक और बड़ी मांग कर दी है।  

दिलीप घोष ने बताई आपबीती

दिलीप घोष ने तृणमूल कार्यकर्तोओं पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से भवानीपुर उपचुनाव को स्थगित कराने की मांग की है। भवानीपुर में हुई हिंसक झपक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि मैं भवानीपुर क्षेत्र में लिफलेट देने गया था तभी वहां तृणमूल कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। उसके बाद मैं एक सेंटर में घुसा। वहां पर लोगों ने मुझे घेर लिया। मुझपर हमला किया गया। हमारे कार्यकर्ताओं को पीटा गया। एक घंटे पहले अर्जुन सिंह के साथ भी यही सब हुआ था। यह हर रोज हो रहा है।

उन्होंने कहा कि हमने पुलिस से भी सहायता मांगी थी, लेकिन हमें कोई मदद नहीं दी गई। वहां पर एक पुलिसवाला सिविल ड्रेस में मौजूद था। उसने जब हमें बचाने की कोशिश की तो उसके साथ भी मारपीट की गई। भवानीपुर जैसे इलाके में जहां पर सीएम ममता बनर्जी रहती है, वहां पर मैंने निर्वाचन आयोग को भी शिकायत की थी। लेकिन उनकी तरफ से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। मौजूदा हालात में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से वोटिंग करवाना बेहद मुश्किल है। इस वजह से मैंने चुनाव स्थगित करवाने की मांग की है।

दिलीप घोष ने घटना के कुछ घंटे बाद कहा कि जिस तरीके से मुझ पर हमला हुआ और मुझे बचाने के लिए मेरे सुरक्षाकर्मियों को मजबूरी में बंदूक निकालनी पड़ी वैसी परिस्थिति में चुनाव होना संभव नहीं है। हम चुनाव आयोग से मांग कर रहे हैं कि भवानीपुर उप चुनाव को रद्द किया जाए या स्थगित किया जाए और जब तक माहौल सही ना हो तब तक यहां पर चुनाव ना करवाई जाए।

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दिलीप घोष के मुताबिक भवानीपुर इलाके में जब बोले लिफलेट बांट रहे थे तभी टीएमसी कार्यकर्ता एकत्रित हो गए और माइक लेकर उनको गाली देने लगे। इसके बाद जब वह एक सेंटर में घुसे तो उन्हें घेर लिया गया उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। उनके कार्यकर्ताओं को पीटा गया और तब उन्हें बचाने के लिए उनके सुरक्षाकर्मियों ने बंदूक निकाली और उन्हें किसी तरह वहां से बचाया गया वरना उनकी जान खतरे में थी।

आपको बता दें कि भवानीपुर सीट से ममता बनर्जी चुनावी मैदान में उतरी हैं, जहां उनका मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल से है। यहां 4 अक्टूबर को मतदान होने हैं।