लखनऊ । मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में प्रमुख रूप से हीट वेव व बाढ़ से बचाव की तैयारियों की समीक्षा की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा अगले पांच दिनों तक हीट वेव के लिये पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। इस दौरान जनहानि व पशुहानि न हो इसके लिये समुचित प्रबंध सुनिश्चित किये जायें। शहर के साथ-साा से ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की पर्याप्त उपलब्धता रहे।
कहीं भी पानी की किल्लत नहीं होनी चाहिये। गांवों में जल जीवन मिशन के तहत जहां कनेक्शन उपलब्ध करा दिये गये हैं, वहां पानी की सप्लाई होती रहे। भीड़भाड़ वाले स्थानों व सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था की जाये। जहां आवश्यक हो टैंकर के माध्यम से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करायी जाये। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करा लिया जाये कि गौआश्रय स्थलों में पानी की उपलब्धता रहे।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी अस्पतालों में ओआरएस, दवाई व कोल्ड रूम की उपलब्धता रहे और सभी अस्पताल अलर्ट मोड पर रहें। हीट वेव से बचाव के लिये ‘क्या करें, क्या न करें’ इसका व्यापक प्रचार-प्रसार समाचार पत्रों, सोशल मीडिया व विभिन्न प्रचार माध्यमों पर कराया जाये। निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करायी जाये। कहीं भी कोई लोकल फॉल्ट होती है, उसका तत्काल निराकरण कराया जाये।
उन्होंने कहा कि हीट वेव के दौरान फायर सेफ्टी बेहद महत्वपूर्ण है। सभी पब्लिक प्लेसेज-अस्पताल, होटल आदि में फायर सेफ्टी के लिये समुचित प्रबंध हो। सभी शासकीय मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट कराकर अवशेष कार्यों को पूरा करा लिया जाये।
उन्होंने कहा कि गर्मी के उपरांत बारिश का मौसम शुरू हो जायेगा। गत वर्षों में हुई क्षति का आंकलन करते हुये बाढ़ के लिये बेहतर कार्ययोजना बनायी जाये, जिससे बाढ़ का प्रकोप न्यूनतम रहे। सभी तटबंधों का निरीक्षण करा लिया जाये, जहां मरम्मत की आवश्यकता हो, करा दी जाये। बारिश के मौसम में जल भराव व वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव के लिये आवश्यक तैयारियां समय रहते पूरी कर ली जायें। जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन बिछाने से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत का कार्य बारिश के मौसम से पहले पूरा करा लिया जाये।
उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम से पूर्व नाला व नालियों की सफाई सुनिश्चित करा ली जाये और नालियों से निकलने वाले कचरे को वहां से हटवा दिया जाये। जनपद के लो लाइन एरिया में जल भराव की समस्या न हो, इसके लिये भी समय रहते कार्ययोजना बना ली जाये। उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम से जल संरक्षण के उपायों पर ध्यान देने की जरूरत है। अमृत सरोवर जल संरक्षण का बहुत बड़ा स्रोत है। सभी अमृत सरोवर का निरीक्षण करा लिया जाये, जिन सरोवर में सिल्टेशन जमा हो या इनलेट व आउटलेट बंद हो उसे ठीक करा दिया जाये। इसके अतिरिक्त निर्माणाधीन अमृत सरोवर का कार्य जल्द से जल्द पूरा करा लिया जाये। यह भी सुनिश्चित कराया जाये कि जिन भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के स्ट्रक्चर बने हैं, वह क्रियाशील हों।
राजस्व विभाग के समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि 3 से 5 वर्ष के लम्बित मामलों को तत्परता से निस्तारित कराया जाये। इस समय पर खेतों में फसल न होने के कारण पैमाईश के लिये समय अनुकूल है। एडीएम व सीआरओ की ड्यूटी लगाकर पैमाईश के एक-एक मामले का रिव्यू कर उन्हें निस्तारित कराया जाये। उन्होंने कहा कि कुर्रा-बटवारा से संबंधित वाद फौजदारी केसेज के जड़ होते हैं, इनको जिलाधिकारी शीर्ष प्राथमिकता पर निस्तारित करायें। राजस्व वादों के निस्तारण में रुचि न लेने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त एक्शन लिया जाये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव राजस्व पी0 गुरुप्रसाद, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।