चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर, इन बातों का रखें ख्याल, एक भी गलती हो सकती है खतरनाक

उत्तराखंड में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. अब केवल तीर्थयात्रियों के पंजीकरण का सत्यापन लंबित है. सत्यापन के लिए यमुनोत्री के लिए बड़कोट, गंगोत्री के लिए हिना, केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग और बद्रीनाथ के लिए पांडुकेश्वर में स्कैनर मशीनें लगाई जाएंगी. अधिकारियों के मुताबिक चार धाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पंजीकरण का तीन तरह से सत्यापन होगा. यात्रियों के कलाई बैंड और पंजीकरण की एक कॉपी को मान्य माना जाएगा और मोबाइल पर क्यूआर कोड को स्कैन करके तीर्थयात्री के पंजीकरण का सत्यापन किया जाएगा. केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुलेंगे और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे.

इस बीच गुरुवार को उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने सालाना तीर्थयात्रा से पहले उप जिला अस्पताल श्रीनगर और बेस अस्पताल श्रीकोट में लगाए गए हेल्थ एटीएम का निरीक्षण किया. अधिकारियों से चार धाम तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए इन एटीएम पर एक तकनीकी व्यक्ति को तैनात रखने को कहा गया. तीर्थयात्रियों के नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए यात्रा मार्ग पर गढ़वाल मंडल में 50 हेल्थ एटीएम लगाए गए हैं. जहां ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल, बॉडी टेम्परेचर, ऑक्सीजन कंटेंट, बॉडी फैट जैसे पैरामीटर और इंडेक्स, डिहाइड्रेशन और पल्स रेट सहित 70 फ्री टेस्ट किए जाएंगे. स्वास्थ्य अधिकारियों को पौड़ी जिले के विभिन्न होटलों, ढाबों व रेस्टोरेंट में खाने-पीने के सामन की जांच के लिए टीम बनाकर तीर्थ मार्ग पर सघन चेकिंग अभियान चलाने के भी निर्देश दिए गए.

यह भी पढ़ें:उत्तराखंड में केंद्रीय मंत्रियों का वाइब्रेंट गांवों का दौरा करने का सिलसिला जारी, अब पहुंचेंगे पीयूष गोयल

बुजुर्ग लोग रखें हेल्थ का खास ख्याल

रिपोर्टों के मुताबिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण हर साल चार धाम यात्रा के दौरान कई तीर्थयात्रियों की मौत तक हो जाती है. इसे रोकने के लिए एक विशेषज्ञ समिति ने 50 साल और उससे अधिक उम्र वाले तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य जांच अनिवार्य करने का सुझाव दिया है. लोगों को यात्रा पर जाने से पहले अपने पूरे हेल्थ और फिटनेस का पता लगाने और पूरे शरीर की जांच करवाना बेहद जरूरी है. चारधाम यात्रा पर जाने वाले बुजुर्ग कभी-कभी ऐसे ऊबड़-खाबड़ इलाकों में चलने के लिए पर्याप्त रूप से फिट नहीं होते हैं. इसलिए उन्हें यात्रा से छह महीने पहले इसका थोड़ा प्रशिक्षण लेना चाहिए.